PET 2022 का आयोजन राज्य भर में 1200 से भी अधिक परीक्षा केंद्रों पर किया गया था और इसमें हिस्सा लेने वाले अभ्यर्थियों की संख्या ने इस बार सारे रिकार्ड्स तोड़ दिए थे।
यूपी में प्रारंभिक पात्रता परीक्षा (PET) 2022 का आयोजन 15 और 16 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में आयोजित किया गया था। जानकारी के अनुसार, PET 2022 का आयोजन राज्य भर में 1200 से भी अधिक परीक्षा केंद्रों पर किया गया था और इसमें हिस्सा लेने वाले अभ्यर्थियों की संख्या ने इस बार सारे रिकार्ड्स तोड़ दिए थे।
लेकिन इन सबके बीच जो स्पष्ट तौर पर दिख रहा था, वह था परीक्षार्थियों की भीड़ और दूर पड़े सेंटर्स तक पहुँचने की छात्रों की जद्दोजेहद। कई छात्रों के घर से परीक्षा सेंटर्स की दूरी 300 किलोमीटर भी थी लेकिन वहां तक पहुंचने की सुविधा के लिए एकमात्र साधन सामुदायिक यातायात के साधन थे। भीड़-भाड़ की दुनिया में ट्रेन-बस भी लोगों से भरी हुई थी। ऐसे में परीक्षा भी ज़रूरी थी तो छात्र ट्रेन और बस की छत पर भी चढ़कर परीक्षा केंद्रों तक पहुँच रहे थे। इन परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा सेंटर्स तक पहुँचने के लिए किसी भी तरह की व्यवस्था नहीं की गयी थी।
15 अक्टूबर को इसी परीक्षा का पेपर देकर लौट रहे बाँदा जिले के 24 वर्षीय छात्र अभिलाष की भीड़ में दम घुटने से मौत हो गयी, ऐसा मामला काफी सुनने को मिल रहा है। लेकिन छात्र की मौत की असल वजह को लेकर अभी-भी कई बातें साफ़ नहीं हुई है। परिवार अपने बेटे की मौत को लेकर कुछ नहीं कह रहा। पड़ोसी भी खुले तौर पर कुछ कहने को तैयार नहीं। किसी की मौत हुई है पर कोई शोरगुल सुनने को नहीं मिल रहा। बता दें, मृतक छात्र के पिता ओम प्रकाश मिश्र रिटायर पुलिस उपनिरीक्षक हैं।
मोहल्ले की बुज़ुर्ग व्यक्ति ने खबर लहरिया को बताया कि वह शोक में शामिल तो हुए थे लेकिन उन्हें यह नहीं पता की घटना कैसे हुई। उन्होंने बस सुना है कि वह पेपर देने गया था। बस से गया था या ट्रेन से, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
मोहल्ले के एक लड़के ने बताया कि मृतक छात्र अपने अपने दोस्तों के साथ कार में पेपर देने गया था। वहीं इसके साथ ही हमें यह भी सुनने को मिला कि जिन दोस्तों के साथ वह गया था, वह छात्र इस समय फरार हैं।
स्थानीय जानकारी यह भी कहती है कि छात्र पेपर देकर घर वापस आ गया था। खाना भी खाया। आराम करने के दौरान उसे हार्टअटैक आया और उसकी मौत हो गयी।
छात्र की मृत्यु को लेकर अलग-अलग तरह की बातें, अलग-अलग वजहें सुनने को मिली। इस बीच इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि कई छात्र बस-ट्रेन की भीड़ में जान जोखिम में डालकर इनमें लटकते हुए परीक्षा देने गए थे। जिसमें भीड़ में दबकर मौत हो जाना, या किसी घटना के हो जाने की पूरी आशंका रहती है। ऐसे में छात्र की मौत को लेकर न कोई सवाल उठाया जा रहा, न किया जा रहा है और न ही किसी को किसी जवाब की तलाश है।
इस खबर की रिपोर्टिंग गीता देवी द्वारा की गयी है।
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