खबर लहरिया Blog यूपी के कई जिलों में आज भी शौचालय नहीं, शौच के लिए खुले में जाते हैं लोग

यूपी के कई जिलों में आज भी शौचालय नहीं, शौच के लिए खुले में जाते हैं लोग

यूपी के ऐसे कई जिले हैं जहां आज भी बहुत से गाँवो में शौचालय की सुविधा मुहैया नहीं करायी गयी है। ऐसे में लोगों के पास खुले में जाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं।

साभार-खबर लहरिया ( आधा बना हुआ शौचालय )

शौचालय, जिसका इस्तेमाल हर चुनाव के समय गाँवों और कस्बों में बनवाने का वादा किया जाता है। जिसे लेकर सरकार द्वारा शौचालय योजना भी शुरू की गयी थी। जैसे:- ग्रामीण शौचालय योजना। इस समय यूपी में ‘उत्तर प्रदेश शौचालय निर्माण योजना 2021’ चल रही है। इतनी सारी योजनाओं के चलने के बावजूद भी आज सभी घरों में शौचालय की सुविधा मौजूद नहीं है।

ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग, बुज़ुर्ग, महिलाएं व लड़कियां आज भी खुले में शौच के लिए जाती हैं। खुले में जाने के आलावा वह कर भी क्या सकतें हैं? पैसे होते तो शायद खुद ही बनवा लेते। पर वो भी तो नहीं है। ऐसे में सिर्फ सरकार, उसकी योजनाएं और वादों का ही आसरा रहता है। यह चीज़ें भी उनकी पहुँच से दूर है। आखिर कौन सुविधाओं को उन तक पहुंचाएगा?

हम आपको यूपी के कई जिलों और उनके गाँवों के बारें में बताएंगे। जहां आज भी शौचालय नहीं बने हैं। वहां रहने वाले लोगों को इसकी वजह से क्या-क्या परेशानियां होती हैं।

जिला ललितपुर में शौचालय की समस्या

खबर लहरिया की रिपोर्टर द्वारा 23 मार्च 2021 को ललितपुर जिले के गांव छिल्लामें रहने वाले लोगों से शौचालय की समस्या को लेकर बात की गयी। जानकरी के लिए बता दें, गाँव की कुल आबादी 1,579 है। गांव के लगभग 50 परिवार ऐसे हैं, जिनके अभी भी शौचालय नहीं बने हैं। जानिए क्या है लोगों का कहना:-

गांव की रश्मी का कहना है कि जिस व्यक्ति के नाम से शौचालय बना है। वह किसी और को उसमें शौच के लिए जाने नहीं देता। जिसकी वजह से झगड़ा होता है और उन्हें बाहर खुले में ही जाना पड़ता है। दीपा कहती हैं कि उन्हें शौच के लिए हर दिन 1 किलोमीटर चलकर जाना पड़ता है। उनकी बड़ी-बड़ी बेटियां हैं। ऐसे में उन्हें लड़कियों को बाहर भेजने में भी डर लगता है।

ललितपुर जिले का गांव छिल्ला ( साभार- खबर लहरिया)

गाँव के योगेश कुमार, अरविन्द और अखिलेश का कहना है कि उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वह खुद शौचालय बनवा सकें। जिनके पास है उन्होंने दो-दो बनवा रखें हैं। प्रधान से कहा, बिडियो को ज्ञापन भी सौंपा। बस आश्वाशन मिल गया। लेकिन शौचालय की परेशानी दूर नहीं हुई।

जल्द बनेगा शौचालय – रोज़गार सेवक

रोज़गार सेवक केशवदास के अनुसार, गांव में 140 लोगों के शौचालय बन चुके हैं। जिन 50 परिवारों के शौचालय नहीं बने हैं। उनके भी बनवाने की कोशिश की जा रही है। ये सभी पात्र लोग हैं।

परेशानी को लेकर नहीं थी जानकारी – खंड विकास अधिकारी

खंड विकास अधिकारी दीपेंद्र पांडेय के अनुसार उनके पास शौचालय को लेकर कोई शिकायत नहीं आयी है। ना ही उन्हें कोई जानकारी है। जब खबर लहरिया की रिपोर्टर द्वारा उन्हें मामले से रूबरू करवाया गया तब उन्हें पता चले। जिसके बाद उनका कहना था कि जो लोग रह गए हैं। उनके नाम सूची में डाले जाएंगे। साथ ही बजट आने पर, बचे हुए लोगों का भी शौचालय बनवा दिया जायेगा।

जिला चित्रकूट में शौचालय की समस्या

जिला चित्रकूट ब्लॉक रामनगर गाँव रामनगर में खबर लहरिया द्वारा 21 मार्च 2021 को रिपोर्टिंग की गयी थी। जिसके अनुसार गाँव में 75 घर ऐसे हैं जिनके घरों में शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है।

गांव रामनगर की महिला शोभा ( साभार- खबर लहरिया)

गाँव की महिला शोभा देवी कहती हैं कि जब वह बाहर शौच के लिए जाती है तो उन्हें पर्दा करने के लिए कहा जाता है। “हमारे पास पैसे नहीं है तो हम कहां से शौचालय बनवाये। शौच के लिए दो किमी. चलकर जाना पड़ता है। शौच के लिए बैठते हैं, कोई आ जाये तो खड़ा होना पड़ता है। शौचालय घर में नहीं है। हमारा नहीं है तो हम क्या करे।”

रिपोर्ट के अनुसार प्रधान द्वारा लोगों से कहा गया कि वह शौचालय के लिए गड्ढा खोद ले। फिर आगे का काम वह करवा देंगे। लोगों ने यह भी किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। गाँव की महिला रानी का कहना है कि उनका जो शौचालय बना है। उसमें ना तो ऊपर की छत है और ना ही दरवाज़ा। “प्रधान द्वारा बस इतना ही बनवाया गया है।”

शौचालय के लिए दिया गया ज्ञापन

गाँव के लालजी नाम के व्यक्ति का कहना है कि उनके द्वारा शौचालय के लिए तीन से चार बार फॉर्म भरा गया। जिसके बाद उनका नाम सूची में भी आया था। वह कहते हैं कि खुद प्रधान द्वारा तकरीबन एक साल पहले उन्हें यह बात बतायी गयी थी। लेकिन शौचालय बनवाने के लिए उनके बैंक खाते में पैसे नहीं डाले गए।

ब्लॉक रामनगर,एडीओ पंचायत के राम लाल मिश्रा के अनुसार नई सूची को देखते हुए लोगों को शौचालय मुहैया करा दिया जायेगा। पहले भी लोगों को सूची के अनुसार ही शौचालय दिए गए हैं। ( इस खबर की रिपोर्ट आप नीचे दिए लिंक पर जाकर देख सकते हैं। )
https://youtu.be/QJXDAzH8B2E

जिला छत्तरपुर में शौचालय की समस्या

खबर लहरिया की 22 फरवरी 2021 की रिपोर्ट के अनुसार,जिला छत्तरपुर ब्लॉक छत्तरपुर के ग्राम चंद्रपुरा गांव में लगभग 300 आदिवासी रहते हैं। जिन्हें शौचालय की सुविधा प्राप्त नहीं है।

गांव चंद्रपुरा की भगवती कहती हैं,” ना कोई ज़मीन मिले, ना खेत, ना ही पानी की सुविधा, कुछ भी नहीं दी है सरकार। पहाड़ में जाते हैं तो लोग खिसियाते हैं। कई बार सरपंच के पास जा चुके। कोई सुनता ही नहीं है।”

करीना कहती हैं कि उन्होंने शौचालय के लिए कई बार चक्का जाम भी किया। वह सरकार पर आरोप लगाते हुए कहती हैं,“दूसरों का काम करते हैं,लेकिन हमारा करते नहीं हैं।”

गाँव के सरपंच बुध सिंह का कहना है कि शौचालय के लिए उनकी तरफ से कई बार आवेदन दिए गए। कई साल हो गए। लेकिन कुछ भी नहीं आया। ( इस खबर की रिपोर्ट आप नीचे दिए लिंक पर जाकर देख सकते हैं। )
https://youtu.be/vEbCMvHVVbA

जिला वाराणसी में शौचालय की समस्या

खबर लहरिया की 10 जनवरी 2021 की रिपोर्ट के अनुसार वाराणसी जिले के ब्लॉक चोलापुर के डुढुवा गांव में एक भी शौचालय नहीं है। ऐसा लोगों का कहना है।

गाँव की बुज़ुर्ग महिला सावित्री का कहना है कि शौच के लिए उन्हें काफ़ी दूर जाना पड़ता है। परेशानी तो होती है। लेकिन इसके आलावा कर भी क्या सकते हैं।

शीला कहती हैं कि जब वह शौच के लिए जाती है तो उसे डर लगता है। वह यह भी कहती हैं कि “कोई आता है तो बार-बार उठना पड़ता है।” रात हो या दिन, हमेशा खेत में ही जाना पड़ता है।

रिपोर्ट के अनुसार लोगों का कहना है, गांव में एक व्यक्ति तीन बार प्रधान बन चुका है। फिर भी गांव और गांव के लोगों की सुविधा के लिए कोई भी काम नहीं किया गया है। लोगों का आरोप है कि अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी ना तो वह समस्या का समाधान करते हैं और ना ही गांव में समस्या को देखने के लिए आते हैं।

गांव की प्रधान रुकमणी देवी का कहना है कि गांव का सारा काम उनके पति और बेटा देखते हैं। प्रधान के बेटे रवि भूषण का कहना है कि गाँव में 560 शौचालय आये थे। सबके शौचालय बन गए हैं। साथ ही शौचालय बनवाने के लिए लोगों को सामान भी दिया गया था। अब जब लोग ही नहीं बनवा रहे है तो वह इसमें कुछ नहीं कर सकते।

अगर लोगों को शौचालय के लिए सामान मिल जाता तो लोग शिकायत क्यों करते? शौच के लिए बाहर खुले में क्यों जाते? ( इस खबर की रिपोर्ट आप नीचे दिए लिंक पर जाकर देख सकते हैं। )
https://youtu.be/y2wJwB1UUJM

उत्तरप्रदेश के अलग-अलग जिलों में शौचालय की एक जैसी समस्या बनी हुई है। कहीं महिलाएं खुले में जाने को मज़बूर है। कहीं बार-बार प्रधान से शौचालय की मांग करने के बाद भी उन्हें उसे बनवाने के लिए पैसे नहीं दिए गए। किसी जगह शौचालय का काम शुरू हुआ तो वहां ना उसकी छत बनाई गयी, ना ही उसमें दरवाज़ा लगाया गया। जब 2014 में स्वच्छ भारत योजना की शुरुआत हुई थी। तब से ही यह कहा गया कि हर गांव और कस्बों में शौचालय बनवाये जायेंगे। यूपी में भी ग्रामीण शौचालय योजना के तहत लोगों के लिए शौचालय बनवाने के लिए योजना की शुरुआत की गयी थी। इसके बावजूद भी लोग खुले में शौच जाने के लिए मज़बूर हैं। ऐसे में ये चलती योजनाएं सरकार और इस सुविधा को मुहैया करने वाले लोगों पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। अगर योजना है तो उसका लाभ लोगों को क्यों नहीं मिल रहा?