मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस पार्टी के 137 सालों के पुराने इतिहास में छठे अध्यक्ष बने हैं। खड़गे को चुनाव में 7,897 मत व शशि थरूर को सिर्फ 1,072 मत ही मिले।
मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge), अब कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष होंगे। खड़गे को आज 19 अक्टूबर को वोटिंग के बाद कांग्रेस के नए अध्यक्ष के रूप में नई पहचान मिली।
मल्लिकार्जुन, दो दशकों में पार्टी का नेतृत्व करने वाले ऐसे पहले गैर-गाँधी नेता है जो पार्टी की कमान समभालेंगे। दो दिनों पहले नए अध्यक्ष के चुनाव हेतु वोटिंग की गयी थी जिसमें मल्लिकार्जुन के विपरीत में शशि थरूर अध्यक्ष की दौड़ में नज़र आ रहे थे।
टेलीग्राफ की प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, खड़गे कांग्रेस पार्टी के 137 सालों के पुराने इतिहास में छठे अध्यक्ष हैं।
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कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में पड़े थे 7,897 वोट
रिपोर्ट्स के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में कुल 9,385 वोट पड़े थे। एनडीटीवी की रिपोर्ट कहती है, शशि थरूर के मतगणना एजेंट कार्ति चिदंबरम ने वोटिंग प्रक्रिया समाप्त होने के बाद घोषित किया कि खड़गे ने 7,897 मतों से चुनाव जीता है। वहीं केरल के सांसद थरूर को अध्यक्ष चुनाव में सिर्फ 1,072 मत ही मिले। इसके आलावा 416 मतों को अमान्य करार दिया गया।
हार के बाद थरूर ने दी खड़गे को बधाई
शशि थरूर ने अपने एक बयान में कहा कि अंतिम फैसला खड़गे के पक्ष में आया है। उन्होंने खड़गे को उनकी जीत के लिए बधाई भी दी। थरूर ने आगे कहा, “पार्टी प्रतिनिधियों का निर्णय अंतिम होता है और मैं इसे विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूं। ऐसी पार्टी का सदस्य होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है जो अपने कार्यकर्ताओं को अपना अध्यक्ष चुनने की अनुमति देता है।
हमारे नए अध्यक्ष पार्टी के सहयोगी और वरिष्ठ हैं जो पर्याप्त नेतृत्व और अनुभव लाते हैं। उनके मार्गदर्शन में, मुझे विश्वास है कि हम सभी सामूहिक रूप से पार्टी को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।”
राहुल गाँधी ने दी कांग्रेस के नए अध्यक्ष को बधाई
राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, “मल्लिकार्जुन खड़गे जी को अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई @INCIndia.
कांग्रेस अध्यक्ष भारत की लोकतांत्रिक दृष्टि का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनका विशाल अनुभव और वैचारिक प्रतिबद्धता पार्टी की अच्छी सेवा करेगी क्योंकि उन्होंने यह ऐतिहासिक जिम्मेदारी ली है।”
Congratulations to Mallikarjun Kharge ji on being elected as the President of @INCIndia.
The Congress President represents a democratic vision of India.
His vast experience and ideological commitment will serve the party well as he takes on this historic responsibility.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 19, 2022
मल्लिकार्जुन खड़गे का राजनीतिक सफर
मल्लिकार्जुन खड़गे, दलित समुदाय से हैं। उनका जन्म 1942 में दक्षिणी राज्य के बीदर जिले में हुआ था। खड़गे कानून के छात्र थे व अपने प्रारंभिक छात्र जीवन से ही उन्हें राजनीति में काफी रुचि थी।
मल्लिकार्जुन खड़गे, कर्नाटक के एक वरिष्ठ राज्यसभा सांसद है व वह लम्बे समय से गाँधी परिवार के वफ़ादार भी रहे हैं। वह साल 1969 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे। खड़गे ने अपनी शुरुआती दौर में श्रमिक संघों का प्रतिनिधित्व किया था।
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, साल 1972 में, कर्नाटक में तत्कालीन कांग्रेस पार्टी के प्रमुख देवराज उर्स (Devaraj Urs) ने खड़गे को उच्च जाति के बहुल क्षेत्र, गुरमीतकल से चुनाव लड़ने के लिए राज़ी किया। उन्होंने उस निर्वाचन क्षेत्र से लगातार नौ बार जीत हासिल की। बाद में उन्होंने चुनाव लड़ा और चितापुर से जीत भी हासिल की।
राष्ट्रिय राजनीति में उनका उदय 2009 के आम चुनावों के बाद शुरू हुआ। उन्होंने पहली बार लोकसभा में कदम रखने के लिए गुलबर्गा संसदीय सीट से चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। इसके बाद साल 2014 में उनकी दूसरी बार जीत हुई। हालांकि, साल 2019 में उन्हें भाजपा से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद, जून 2014 में, खड़गे को लोकसभा में कांग्रेस पार्टी का नेता नियुक्त किया गया। वह रेल मंत्री और केंद्र में श्रम और रोजगार मंत्री भी रहे।
12 जून, 2022 को, 78 वर्ष की आयु में वह कर्नाटक से राज्यसभा के लिए चुने गए। उन्हें राज्यसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया था। इस पद से उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए 1 अक्टूबर, 2022 को इस्तीफ़ा दे दिया था।
आज़ादी के बाद से कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व ज़्यादातर गांधी परिवार के एक सदस्य द्वारा किया गया है, जिन्हें सबकी सहमति से चुना गया था। चुनाव अभी तक सिर्फ छः बार ही हुए है क्योंकि इस दौरान एक से ज़्यादा उम्मीदवार थे – यह 1939 में तब शुरू हुआ जब महात्मा गांधी द्वारा समर्थित पी सीतारमैया नेताजी सुभाष चंद्र बोस से हार गए थे।
यह चुनाव सोनिया गांधी द्वारा अस्थायी रूप से पार्टी का नेतृत्व करने के लिए सहमत होने के लगभग तीन साल बाद आया जब राहुल गांधी ने 2014 और 2019 के आम चुनावों में पार्टी की लगातार दो हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपना पद छोड़ दिया था।
खड़गे के कांग्रेस के नए अध्यक्ष के रूप में चुने जाने के बाद अब लोगों के मन में यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या नए अध्यक्ष के साथ पार्टी की तस्वीर में भी कोई बदलाव आएगा या नहीं? क्या पार्टी की पहचान पहले की तरह मज़बूत होगी क्योंकि खड़गे अपने राजनीतिक करियर में एक दिग्गज नेता रहे हैं तो उनसे अब पार्टी के कार्यकर्ता सहित लोगों को काफी उम्मीदें हैं।
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