दहेज़ की मांग से परेशान होकर महिला ने खुद को आग लगा लिया।
घटना 23 मार्च 2022 की सुबह लगभग 11 बजे की है। 24 वर्षीय, मृत महिला का नाम विमलेश था। खबर लहरिया ने इस मामले में मृतिका के चाचा लाल दीवान और पिता धर्मपाल से बात की।
चाचा और पिता ने अपनी भतीजी-बेटी की शादी सारे रीती-रिवाज़ो से व लड़के वालों की हर मांग को पूरा करते हुए की थी। विमलेश की शादी जब हरी सिंह पाल से हुई तो पिता ने हैसियत से बढ़कर दहेज़ दिया। दहेज़ में 80 हज़ार नगद और एक मोटरसाइकिल दी गयी थी। शादी के एक साल बाद ही ससुराल वाले मृतिका से भैंस और 30 हज़ार लाने की मांग करने लगे। पिता ने कहा, उसकी बेटी को ससुराल में मारा-पीटा जाता।
इन सब चीज़ों के बाद भी वह किसी तरह से ससुराल पक्ष और अपनी बेटी से बात कर समझा-बुझाकर मामला शांत कर देते थे। शायद यही धर्मपाल की गलती थी कि उन्होंने हिंसा को दबा दिया। धर्मपाल कोई पहला व्यक्ति नहीं है जिसने ऐसा किया है। आप, हम या सामाज का अधिकतर व्यक्ति आज भी ऐसा करता है। उसे लगता है कि आवाज़ उठाने की जगह बातचीत या मामले को दबा देना ही हर समस्या का हल होता है।
पिता ने विमलेश की शादी 4 साल पहले की थी। मृतिका का एक बच्चा भी था। पिता ने आरोप लगाया, मारपीट से भी जब ससुराल वालों का मन नहीं भरा तो उन्होंने उनकी बेटी पर पेट्रोल डालकर उसे जला दिया।
गाँव के प्रधान से मिली खबर
पनवाड़ी ब्लॉक गांव नटर्रा के प्रधान ने पिता धर्मपाल को बताया कि उनकी बेटी ने खुद को आग लगा ली है। अस्पताल में उनकी बेटी का मृत शरीर रखा हुआ है। पिता ने आरोप लगाते हुए कहा कि ससुराल वालों ने उनकी बेटी पर पेट्रोल डालकर जलाया है और आरोप लगा रहे हैं कि उसकी बेटी ने खुद को जलाया है।
मायके वाले लगा रहें हैं गलत आरोप
मृतिका की जेठानी, ससुर और उसके पड़ोसियों से भी खबर लहरिया ने बात की। महिला की जेठानी ने कहा, जब यह घटना हुई तो वह खेत में कटाई के लिए गयी हुई थीं। दहेज़ और मारपीट को लेकर उसके ससुराल वालों पर गलत आरोप लगाया जा रहा है।
ससुर राम चरण की मानें तो उन्होंने तो कभी विमलेश को दहेज़ के लिए कभी कहा ही नहीं। हाँ, थोड़ी-बहुत कहा-सुनी तो सबके घर में होती है। उनका बेटा यानी महिला का पति कोटा लेने गया था। वह सब खेत में काम कर रहे थे। अचानक उन्हें पता चला कि उनकी बहु ने आग लगा ली है। मृतिका के मायके वाले गलत आरोप लगाकर उन्हें फंसाने की कोशिश कर रही है।
पड़ोसियों ने कहा, उन्होंने कभी किसी तरह का लड़ाई या झगड़ा नहीं सुना। हाँ, अगर मियां-बीवी में कुछ विवाद हुआ है तो वह कुछ कह नहीं सकते।
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शिकायत पत्र आने के बाद होगी कार्यवाही
घटना को लेकर मृतिका के परिवार ने थाने में अभी कोई एफआईआर दर्ज़ नहीं की है। मामले के बारे में हमने महोबा कोतवाली के बलराम सिंह से बात की। पुलिस के अनुसार, उनके पास किसी भी तरह की कोई एप्लीकेशन नहीं आई है। उन्होंने पंचनामा भरकर भेज दिया है। पोस्टमॉर्टेम के लिए अगर शिकायत पत्र आती है तो वह आगे की कार्यवाही करेंगे।
घटना का दोषी कौन है, यह बिलकुल भी साफ़ नहीं है। अब जब तक परिवार मामले को लेकर एफआईआर नहीं लिखवाता, आगे की कार्यवाही नहीं हो सकती लेकिन हाँ, दहेज़ के नाम पर प्रताड़ित करना, जला देना यह घटनाएं आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में होती है। कुछ परिवार यही सोचते हैं कि बात कर लेना ही हिंसा का हल है और यहीं से हिंसा को बढ़ावा मिलता है।