खबर लहरिया Blog महोबा: फेमस गणेश टिक्की चाट का स्वाद, लोगों को बुलाता पास

महोबा: फेमस गणेश टिक्की चाट का स्वाद, लोगों को बुलाता पास

सड़क किनारे चाट टिक्की की दुकान देख खाने का मन ललचा जाता है और कदम टिक्की के ठेले पर जाकर रुक जाता है। बच्चे, बूढ़े, पुरुष और महिला सब ही चाट टिक्की खाने के शौकीन होते हैं। सड़कों पर ऐसे कई ठेले दिख जाते हैं जहां टिक्की मिलती है। देश के हर शहर गांव में टिक्की खाना अधिकतर लोगों को पसंद आता है।

टिक्की चाट की तस्वीर (फोटो साभार: श्यामकली)

लेखन – गीता, रिपोर्ट – श्यामकली 

उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के छोटे से कस्बा कबरई में थाने के पास का आलू टिक्की चाट इस समय खूब धमाल मचा रहा है। अब इस चाट के लोग इतने दीवाने हो चुके हैं कि दूर-दूर से इसे खाने आ रहे हैं।

गणेश चाट भंडार के ठेले की तस्वीर (फोटो साभार: श्यामकली)

गणेश चाट भंडार के नाम से फेमस ये आलू टिक्की की दुकान बीते 35 सालों से वे चला रहे हैं। उन्होंने अपनी खास चटनी, मसालों और मुस्कान से लोगों का दिल जीत लिया है। गणेश चाट वाले कहते हैं कि शुरूआत में कम बिक्री थी लेकिन वह 35 सालों से एक ही जगह पर थाने के पास टिके हैं। धीरे-धीरे उनकी चाट कब इतनी फेमस हो गई है पता ही नहीं चला और आज यहां खाने वालों की भीड़ उमड़ती है।

ये हैं आलू टिक्की (फोटो साभार: श्यामकली)

गणेश चार्ट वाले कहते हैं कि उनकी उम्र 73 साल है लेकिन उसकी आलू टिक्की में जोश और स्वाद आज भी जवानी कायम किए हैं। उनके चार्ट में मसालों का कुछ ऐसा जादू है कि दूर-दूर से लोग मसालो कि खुशबू लेते हुए सिर्फ एक प्लेट चाट खाने आते हैं। जबकि कोई बड़ी दुकान है न शो पीस  चाट का ठेला है पर इस ठेले की चाट का स्वाद हर किसी की यादों में बस गया है। गणेश कहते हैं कि उसने किसी कारीगर से चाट बनाना नहीं सीखा है। वह अपनी पत्नी को ही कारीगर मानते हैं जिसने उनको स्वादिष्ट चाट बनाना सिखाया और आज वह फेमस है।  इस चाट को खाने के लिए महोबा, बांदा मौदहा सहित काफी दूर-दूर से लोग आते हैं और इसी छत के ठेले से उनका परिवार चलता है।  चाट बनाने के लिए धीमी आंच होना चाहिए जिसमें हरी धनिया पत्ती भी जरूरी है। टमाटर प्याज मसाले में गरम मसाला लाल मिर्च, हरी मिर्च, अमचुर की खट्टी चटनी और मीठी चटनी और मटर बहुत जरूरी होता है जो आलू टिक्की को और स्वादिष्ट बनाता और प्लेट को सजाता है।

गणेश बना रहे हैं चाट (फोटो साभार: श्यामकली)

रानी और सुनीता बताती हैं कि वह जब भी बाजार आती हैं चिचरा गांव से कबरई की तो इस ठेले से चाट जरुर खाती हैं क्योंकि गणेश चाट का स्वाद उनके जुबान पर हमेशा रखा रहता है और वह बाजार आने का इंतजार करती रहती हैं। क्योंकि गांव घर में लगे ठेलों में चाट खाने का मौका नहीं मिलता है। जब भी वह बाजार आती हैं तो सिर्फ गणेश चाट वाले के यहां की ही चाट पसंद करती हैं।

चाट का स्वाद ले रहे लोग (फोटो साभार: श्यामकली)

हमीरपुर के रहने वाले प्रियांशू और कमलेश बताते हैं कि कुछ तो हाथों का कमाल होता है और कुछ प्यार से खिलाने का टेस्ट होता है। आलू टिक्की चाट तो हर जगह मिल जायेगा लेकिन गणेश चाट भंडार के चाट में कुछ अलग ही स्वाद होता है जो ग्राहकों को अपनी खुशबू से चाट खाने को मजबूर कर देती है। एक बार जिसने यह आलू टिक्की खा लिया वह बार – बार अपने आप दौड़ता चला आता है।

 

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