महोबा जिले के कुलपहाड़ कस्बे और कबरई में लोगों को नहीं पता है की उन्हें मुफ्त सिलेंडर कब मिलेगा और कब नहीं। सावित्री ने कहा कि उनके बजट में गैस सिलेंडर भरवाना मुश्किल है और इसलिए वे जंगल से लकड़ियां लेकर खाना बनाती हैं। आगे कहा कि अगर उन्हें सिलेंडर मिलता तो उन्हें जंगल नहीं जाना पड़ता।
ये भी देखें – हमीरपुर: घर के कोने में धूल फांक रहे गैस सिलेंडर, चूल्हे पर बन रहा खाना
वहीं मां अम्बे भारत गैस एजेंसी के मैनेजर सर्वेश कश्यप ने बताया कि उनकी एजेंसी में 12,000 कनेक्शन हैं और दीपावली के उपहार में मुफ्त सिलेंडर भरा जाता है। उन्होंने कहा कि 1 अक्टूबर से शुरुआत है और यह महीना पूरा चलेगा और आने वाला महीना भी चलेगा और फिर होली का भी भरने लगेगा मुफ्त सिलेंडर। उन्होंने कहा कि पहले के अपेक्षा में अब ज्यादा ही लोग आ रहे हैं।
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’