खबर का असर : महोबा जिले के जैतपुर ब्लॉक के कैंथोरा गांव के ग्रामीणों को गांव में कोटा न होने की वजह से दूसरे गाँव में राशन लेने के लिए जाना पड़ता था। जब खबर लहरिया ने 21 अगस्त को इस मुद्दे पर खबर निकाली तो नवंबर तक इस मुद्दे को लेकर हमारी रिपोर्टिंग के बाद ‘खबर का असर’ हुआ और गाँव में कोटा आ गया, ऐसा यहां के ग्रामीणों ने हमें बताया।
आगे कहा, पहले उन्हें राशन के लिए घंटो लाइन में खड़ा रहना पड़ता था। कई बार राशन तक नहीं मिलता था और ऐसे में मज़दूरी भी छूट जाती थी। गांव में कोटा आने से अब उन्हें आराम हो गया है।
जानकारी के लिए बता दें, गाँव में कोटा आने से पहले कैंथोरा गांव के ग्रामीणों को 4-5 किलोमीटर दूर महुआ बांध गाँव में राशन लेने के लिए जाना पड़ता था। जब वह राशन लेने जाते थे तो वहां कभी नेट की समस्या आती थी तो कभी कोटेदार ही नहीं बैठा होता था।
ये भी देखें – महोबा : राशन लेने जाना पड़ रहा दूसरे गांव, अंदरूनी राजनीति नहीं खुलने दे रही गांव में कोटा
कोटेदार शिव कांति ने खबर लहरिया को बताया, उन्होंने कई बार गांव में कोटे के लिए अप्लाई किया था लेकिन जब खबर लहरिया ने खबर निकाली तो उसके बाद उनके नाम का कोटा हो गया जिससे वह भी खुश हैं और उनके गांव की जनता भी।
ग्रामीण महिला राजकुमारी कहती हैं, जब वह दूसरे गांव राशन लेने जाती थी तो उन्हें बहुत समस्याएं होती थीं। किसी के पास साधन होता था, किसी के पास नहीं होता था। वह 4-5 किलोमीटर सिर पर अपना राशन रख अपने घर का रास्ता तय करती थीं। अब गांव में राशन आ गया था तो वह बहुत खुश हैं। उन्होंने 6 महीने बहुत मुसीबत ली है। अब उन्हें कोई समस्या नहीं है।
ये भी देखें – प्रयागराज : दो साल से नहीं मिली मनरेगा की मज़दूरी, गुस्साए मजदूरों ने छोड़ा काम
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’