महोबा जिले की आशा कार्यकर्ताओं ने सरकारी अस्पतालों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि एम्बुलेंस सेवा हो या नहीं, फीस लगती है। पर्चा बनवाने के लिए फीस लगती है और बाहर से इलाज करने की भी फीस लगती है। आशा हेल्थ एसोसिएशन के संरक्षक अशोक शुक्ला बताते हैं कि जब आशायें डिलीवरी करती हैं, तो नॉर्मल बच्चा पैदा होता है, लेकिन फिर भी महिलाएं बाध्य रूप से टांका लगाने के लिए दबाव डालती हैं। अगर बच्चा स्वाभाविक रूप से पैदा हो गया है, तो टांका लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन यह दबावी रूप में किया जाता है। आशा कई बार मना करने पर भी यह काम करने के लिए मजबूर होती हैं।
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