महोबा : परिवारों के पास न तो रोज़गार है और न ही आवास। सरकारी योजनाओं में यूँ तो दोनों ही चीज़ें देने के वादे किये गए हैं पर वादों का लाभ गिने-चुने लोगों को ही मिल पाया है। ब्लॉक कबरई, गाँव मोचीपुर के रहने वाले भजना के अनुसार 2022-23 की आवास की सूची में उनका नाम आया था तो वह बहुत खुश हुए थे। एक महीने अधिकारी आते हैं और पक्का मकान देख उन्हें अपात्र घोषित कर देते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि जो भी अधिकारी जांच के लिए आते हैं वह गलत रिपोर्ट बनाकर चले जाते हैं। वह चाहतें हैं कि दोबारा से जांच की जाए जिसके लिए उन्होंने ग्राम प्रधान से भी कहा है।
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वह आगे बताते हैं कि 25 लोगों का नाम भी आवास की लिस्ट में आया था। जिसमें से 4 लोगों का आवास का पैसा आया और बाकी का नहीं आया। वहीं 18 पात्र लोगों को अपात्र कर दिया गया।
गाँव की प्रधान फूला वर्मा को मामले को लेकर कुछ नहीं पता क्यूंकि उनका कार्यभार उनके पति कालूराम वर्मा संभालते हैं। कालूराम वर्मा कहते हैं कि पात्र को अपात्र घोषित करना बेहद गलत है।
मोचीपुरा के ग्राम विकास अधिकारी पुष्पेंद्र बहादुर कहते हैं कि उनके हिसाब से जो नाम आये थे वह सभी पात्र व्यक्ति हैं।
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लघु सिंचाई विभाग के जेई देशराज सिंह ने बताया कि एक महीने पहले उनके पास 26 नाम आये थे जिसमें से 8 लोगों को पात्र किया गया था। वहीं जिन लोगों के पक्के मकान हैं उन्हें अपात्र किया गया है। उनके द्वारा कोई गलत रिपोर्ट नहीं बनाई गयी है। अगर प्रधान और सचिव का मानना है कि वह लोग पात्र हैं तो उनके साथ-साथ प्रधान और सचिव के खिलाफ भी कार्यवाही होनी चाहिए।