जिला महोबा, व्लाक जैतपुर, तहसील कुलपहाड़ । यहां के रहने सुगिरा ने विश्व रिकॉर्ड बनाकर गांव का और जिले का नाम रोशन किया है। सुगिरा को 27 दिसंम्बर 2019 को यह उपलब्धि मिली है।
उत्तम सिंह यादव का कहना है कि जो लोग कहते हैं कि विकलांगों से और पंखों से भी कुछ सीखना चाहिए क्योंकि उनके पास क्षमताएं बहुत हैं। कहते हैं कि विकलांगों के पास कोई कमी नहीं होती है जो सीखना है वह विकलांगों से ही चलना सीखे।<विश्व कैंसर दिवस-जानिए किसने हौंसले के दम पर जीती कैंसर की जंग /p>
मैं तो कहता हूं कि प्रत्येक लोगों को हाथ ऐसे ही चलना चाहिए जो हमने हाथों से चलकर ऊंचे पहाड़ों से विश्व रिकॉर्ड बना पाए हैं।
सुगिरा ने बताया कि हमारी शुरुआत यह है कि हमने मोबाइल वीडियो सर्च किया उसी से हमें जानकारी मिली हुई है। विश्व रिकॉर्ड बनाने में तो चुनौतियां आती ही है लेकिन हमने उन चुनौतियों को पार करके विश्व रिकॉर्ड बनाया है। कहते हैं कि कितना ही पढ़ा लिखा हो अपने अधिकारों को जब तक नहीं जानेंगे जब तक वह कुछ नहीं कर सकते।
सुगिरा बताते हैं की 1996 में एक्सीडेंट से फायर मिथल गया था जिसमें एक पैर उसको काटा कर फेंकना पड़ा जब मैंने 2 लोगों के कंधे में हाथ रखकर चल रहा था डॉक्टर ने बोला था मुझे कि तुम तो वीरभूमि महोबा के हो और दूसरों के सहारे चल रहे थे। उसी दिन से मैंने प्रेरणा लिया था कि मैं कुछ करके दिखाऊंगी जो मेरा भी नाम हुआ। जो मेरा काम था वह मैंने करके दिखा दिया है। अब शासन का काम है क्या उसको सम्मानित करना है या नहीं।