स्वच्छ भारत अभियान के चलते कुलपहाड़ बस स्टॉप पर एक महिला और एक पुरुष सार्वजनिक शौचालय बनवाया गया था, लेकिन यहाँ सफाई की कमी होने के चलते अब लोग इस शौचालय का इस्तेमाल भी नहीं करते हैं।
महोबा ज़िले के कस्बा कुलपहाड़ के रोडवेज़ बस अड्डे के आसपास हो रही गंदगी से यात्री और आम जनता काफी परेशान हैं। लोगों का कहना है कि इस बस अड्डे के बाहर बने सामुदायिक शौचालय की कभी सफाई नहीं होती जिसके कारण यहाँ इतनी गंदगी रहती है और हर समय बदबू आया करती है। बता दें कि स्वच्छ भारत अभियान के चलते कुलपहाड़ बस स्टॉप पर एक महिला और एक पुरुष सार्वजनिक शौचालय बनवाया गया था, लेकिन यहाँ सफाई की कमी होने के चलते अब लोग इस शौचालय का इस्तेमाल भी नहीं करते हैं।
बस अड्डे पर शौचालय जाने से घबराते हैं लोग-
महोबा के मऊरानीपुर गाँव के रहने वाले दीपक यादव का कहना है कि सार्वजनिक शौचालय का इतना बुरा हाल उन्होंने पहली बार देखा है, उन्होंने हमें बताया कि महोबा के इस बस स्टॉप के अलावा यूपी के ज़्यादातर शहरों में रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर रोज़ाना सफाई होती है। लेकिन यहाँ चारों तरफ कूड़ा पड़ा है। उनका कहना है कि बाहर तो फिर भी इतनी गंदगी नहीं है, शौचालय के अंदर तो पैर रखने की भी जगह नहीं है।
बस अड्डे आयी महुआ बांध गाँव की रहने वाली गोमती का कहना है कि स्वच्छ भारत अभियान सिर्फ दिखावे के लिए चलाया जा रहा है, असल में तो प्रशासन साफ़-सफाई की ओर बिलकुल ध्यान नहीं देता। उनका कहना है कि उन्हें रोज़ाना ही बस से सफर करना पड़ता है और कुलपहाड़ रोडवेज़ बस अड्डे की हालत इतनी बुरी है कि लोग शौचालय जाने से घबराते हैं। सबसे ज़्यादा दिक्कतें महिलाओं को होती है, पुरुष तो कहीं भी जा सकते हैं लेकिन रोडवेज़ प्रशासन को महिलाओं के बारे में सोचना चाहिए और यहाँ पर मौजूद सार्वजनिक शौचालय की साफ़-सफाई करवानी चाहिए।
“यात्रियों से पैसे ले लें, पर सफाई करवाएं”-
झांसी से बस का सफर कर सुनीता अपना इलाज कराने महोबा आई हैं, उनका कहना है कि उनकी तबियत ठीक नहीं रहती और उन्हें हर थोड़ी देर पर शौचालय जाना पड़ता है, लेकिन इस बस अड्डे पर मौजूद शौचालय में दरवाज़े तक ढंग से बंद नहीं होते।
मज़दूरी के काम के लिए दिल्ली जा रहे मुकेश का कहना है कि भले ही प्रशासन यात्रियों से 10-20 रूपए ले, लेकिन सार्वजनिक शौचालय की सफाई ज़रूर करवाए। लंबे सफर के लिए यात्रा कर रहे यात्रियों को यहाँ मौजूद गंदगी के कारण काफी परेशानी होती है और लोग इन शौचालयों में जाने से बचते हैं।
ज़िम्मेदारी आखिर किसकी?
कुलपहाड़ नगर पंचायत के सफाई कर्मी संतोष का कहना है कि बस अड्डे की ज़मीन रोडवेज की है और यहाँ सफाई करवाने की ज़िम्मेदारी भी नगर पालिका नहीं बल्कि रोडवेज़ कर्मचारियों की है। उन्होंने बताया कि कभी-कभी वो लोग बाहर सफाई कर देते हैं लेकिन सार्वजनिक शौचालयों की सफाई नहीं करते। उनका मानना है कि रोडवेज़ को इसकी ज़िम्मेदारी उठानी चाहिए और रोज़ाना पूरे बस अड्डे की सफाई करवानी चाहिए।
महोबा रोडवेज़ बस अड्डे के एआरएम हेमेंद्र मिश्रा का कहना है कि बस स्टॉप के बाहर की सफाई की ज़िम्मेदारी तो नगर पालिका की ही है, और उन्होंने कई बार नगर पालिका में इस बात की शिकायत भी की है लेकिन फिर भी यहाँ रोज़ाना सफाई नहीं होती। उनका कहना है कि बस अड्डे के अंदर बने सार्वजनिक शौचालयों की मरम्मत करवाने की ज़रूरत है, जिसके लिए जल्द ही काम भी लगवाया जाएगा और उसके बाद ही वो रोज़ाना शौचालयों की सफाई का काम शुरू करवाएंगे।
रोडवेज़ के अधिकारियों और नगर पालिका से बात कर के ऐसा ही लगता है कि सब एक-दूसरे को दोषी ठहराने में लगे हुए हैं और कोई भी काम करवाने को लेकर चिंतित नहीं है। ऐसे में आम जनता भी अपनी परेशानियां किसको बताये जब ज़िम्मेदार लोग ही अपने दायित्व निभाने में नाकाम हैं।
इस खबर की रिपोर्टिंग श्यामकली द्वारा की गयी है।
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