हमारी सरकार भले ही डिजिटल इंडिया का सपना लिए बैठे हो हमारा युवा भले ही डिजिटल होने के ख्वाब देख रहा हो पर यह सिर्फ ख्वाब ही हैं यह कहना भी कोई गलत नहीं होगा क्योंकि डिजिटल इंडिया की और पोल इस वैश्विक कोरोना महामारी ने खोली है जहां पर हमारी सरकार और प्रशासन बाजार और साधन बंद कर दिए थे लोगों को घर में रहने की अपील की जा रही थी |
वही हमारे देश का युवा या गांव का व्यक्ति अपने परिवार चलाने के लिए बैंकों पर लंबी लाइनों में खड़ा हुआ था अगर हम महोबा जिला की बात करें तो यहां के एटीएम ज्यादातर आपको खराब मिलेंगे दुकानों में भी किसी तरह की कोई डिजिटल इंडिया का प्रयोग नहीं किया गया है उसका कारण यह भी है कि जो हमारा यूथ है उन्हें डिजिटल इंडिया का कुछ मालूम ही नहीं है हमने कई लोगों से इसके बारे में बात की।
लोगो ने बताया कि उनके पास टच का मोबाइल नही है। अगर है भी तो हमें ज्यादा जानकारी नही है। दिलीप कुमार ने बताया कि हमे डर लगता है, गूगल पे, या ऑनलाइन पीमेंट करने से। क्योंकि कई ऐसे केस सामने आए है, जिसमे लोगो के पैसे इधर उधर हो गए है। हमारी दुकान है तो हम लोगो से कैश ही लेते है। क्योंकि ये आसान भी है।
अरविंद ने बताया कि डिजिटल अच्छा है, इर इसकी जानकारी अभी लोगो मे नही है। जानकारी की कमी के कारण कोई इसको उपयोग नही कर रहा है। बाहर बड़े बड़े शहरों में होता है। डिजिटल इंडिया भारत सरकार की एक पहल है जिसके तहत सरकारी विभागों को देश की जनता से जोड़ना है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बिना कागज के इस्तेमाल के सरकारी सेवाएं इलेक्ट्रॉनिक रूप से जनता तक पहुंच सकें।
इस योजना का एक उद्देश्य ग्रामीण इलाकों को हाई स्पीड इंटरनेट के माध्यम से जोड़ना भी है। डिजिटल इंडिया को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतनेट के लिए 6,000 करोड़ का आवंटन किया गया है।. भारतनेट से 1 लाख करोड़ पंचायतों को जोड़ा जाएगा।