कोरोना महामारी में महोबा जिले के भगवती प्रसाद सोनी ने मुफ़्त शव वाहन वाहन सेवा की शुरुआत की है। जिसके ज़रिये लोग अपने प्रियजनों के शव अंतिम संस्कार स्थल तक लेकर जा सकते हैं।
महोबा जिले के भगवती प्रसाद सोनी ने कोरोना काल में उन लोगों की मदद करना जारी रखा है। जो अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने में असमर्थ हैं या उनके शव को ले जाने के लिए वाहन नहीं है।कोरोना की इस खतरनाक बिमारी में भी इनके मदद के लिए आगे बढ़े हाथ पीछे नहीं हटे।
कई सालों से जारी है कारवां
कोरोना वायरस के डर की वजह से इस साल ऐसी कई तस्वीरें सामने आई। जहां देखा गया है लोग अपने करीबी की अंतिम यात्रा और अंतिम संस्कार के लिए काफी परेशान हुए। लोगों ने उनके हालात देखे उसके बावजूद उनकी मदद करने कोई भी आगे नहीं आया। लेकिन महोबा जिले में मानव सेवा संस्थान के प्रदेश उपाध्यक्ष भगवती प्रसाद सोनी जो इस महामारी के दौर में भी निरंतर लोगों की मदद कर रहे हैं। कोरोना काल में हुई व्यक्तियों के परिवार की मदद के लिए जहां नगर निगम लगातार फ्री में शव वाहन उपलब्ध कराती है वहीं ये फ्री में एम्बुलेंश से शव का दाह संस्कार कराते हैं।
इन नंबर पर करें संपर्क
अगर किसी व्यक्ति को आवश्यकता है तो वह इन नंबरों पर फोन कर सकता है। मो. 8429990941, 9120667220
मानव सेवा संस्थान और भवानी सेवा संस्था मिलकर कर रही काम
भगवती प्रसाद सोनी ने बताया है कि मैंने अपने सिर में समाजसेवा का कफन बांध लिया है। इसके जरिये मैं सितंबर 2018 से ड्राइविंग का काम करता हूं। उनका कहना है कि पहले तो इतनी ज्यादा समस्याएं नहीं होती थी लेकिन अब एक महीना से एक दिन में लगभग 25 से 30 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत होती है और हर दिन एक गाड़ी से 5 या 6 गाड़ियाँ शव उठाती हैं। तब उनके बताये गये स्थान तक पहुचाते हैं। साथ में देखरेख के लिए बॉबी गुप्ता, राधेलाल गुप्ता साथ में काम करते हैं। जब लोगों के फोन आते हैं तो मैं जाता हूँ और नगर पालिका के कर्मचारियों द्वारा शवों को उतरवाया जाता है। आजकल ऐसी स्थिति आ गई है की बाप बेटे को नहीं उठा पा रहा पत्नी पति को नहीं छू पा रही है ऐसी बहुत बड़ी विडंबनायें हैं। 3 साल पहले मैं मानव सेवा संसथान से जुड़ा और तभी से मानव के बीच अपनी सेवा दे रहा हूँ।
मीटिंग में उठाई थी निशुल्क सेवा की बात
50 वर्षीय भगवती प्रसाद सोनी बताते हैं की एक बार उनकी मीटिंग हुई थी तो उन्होंने अपनी बात रखी की क्यों न ऐसा कोई काम किया जाए जो जनहित में हो। और निःशुल्क शव गाड़ी चलाने की बात भी की। और उनकी संस्था ने प्रशासन से मांग किया। और अब शव वहां चला रहे हैं। उनको किसी तरह का डर भय नहीं रहता जब भी उनके पास फोन आता है वह लोगों की सेवा में तत्पर रहते हैं। सरकार द्वारा बताये गये नियमों का पूरी तरह पालन किया जा रहा। शव को गाड़ी में रखने से पहले पीपी किट, गलब्स, टोपी, मोजा और चश्मा साथ ही सैनिटाइज़र के प्रयोग से गाड़ी में बैठते हैं। शव उतारने और शव जलाने के बाद गाड़ी को पूरी तरह से सैनिटाइजर करवाते हैं और खुद में सैनिटाइजर होते हैं। जो किट होती है उसे किसी एकांत में जाकर जला देते हैं ताकि किसी और व्यक्ति को संक्रमण का खतरा न हो।
किट पहनने से होती है उलझन- भगवती प्रसाद सोनी
भगवती प्रसाद सोनी ने खबर लहरिया को कि 15 दिन पहले ही उन्होंने यह किट पहनना शुरू किया था। जब उन्होंने पहले दिन पहना तो उन्हें चक्कर आया और वह बेहोश हो गये थे। फिर भी उन्होंने अपना हौसला नहीं छोड़ा। वह बताते हैं कि उन्हें पैसों की कोई जरूरत नहीं है। ना ही वह किसी से पैसा लेते हैं। उनका कहना है कि वह “जब तक जीवित रहूंगा तब तक समाज सेवा करता रहूंगा।”
हमारा देश ऐसी कोरोना जैसी महामारी से लड़ रहा है ऐसे समय में लोगों को बढ़-चढ़कर सामने आना चाहिए। स्थिति ऐसी है की हर किसी को किसी न किसी की जरुरत है ऐसे में हम सबका फर्ज है कि हम एक दूसरे के काम आयें।
इस खबर को खबर लहरिया के लिए श्यामकली द्वारा रिपोर्ट और सीनियर प्रोड्यूसर ललिता द्वारा लिखा गया है।