काशीराम कॉलोनी महोबा में एक दूसरे के घर के शौचालय का गन्दा पानी लोगों के घर में भर रहा है। हालात यह हैं की यहाँ फैली गंदगी से जल दूषित हो गया है और लोग उसकी एलर्जी से परेशान हैं।
जिला महोबा, शहर महोबा, कांशीराम कॉलोनी में 1 साल से सफाई नहीं हुई है। कॉलोनी में रहने वाली ज्ञानवती ने बताया है कि इस कालोनी में 164 घर हैं। एक साल हो गए हैं लोगों का जीना हराम हो गया है। कॉलोनी में बने शौचालय का पाइप फटने से गंदा पानी लोगों के घरों में आ रहा है जिससे बहुत ही ज्यादा बदबू फैली हुई है।
ज्ञानवती ने बताया कि उनके पति की 6 महीना से तबीयत खराब है। जहां भी जाते हैं तो कहते हैं किसी चीज की एलर्जी है। जब तक अस्पताल में रहकर दवा कराते हैं तब तक तो ठीक रहते हैं जब घर वापस आते हैं तो फिर से बीमारियाँ फ़ैल जाती हैं। ऊपरी फ्लोर पर रह रहे लोगों से भी कहा की वह अपने घरों की पाइप सही कराएं ताकि उनके घर की गंदगी ट्रैंक में जाए, जो अभी लोगों के घरों में भर रहा है। कई बार नगर पालिका में भी सूचना दिया है लेकिन अभी तक कोई काम नहीं हुआ है।
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चंदा इकठ्ठा करके करवाई थी सफाई
मोहम्मद सलीम ने कहा कि यह नगर पालिका की भारी कमी है। उनके बच्चे खेल नहीं पाते हैं क्योंकि सारी कॉलोनी की गंदगी खुले में बह रही है, जिससे बच्चों और बड़ों के स्वास्थ्य पर बहुत असर पड़ रहा है। उन्होंने कई बार नगर पालिका महोबा को यहां की जानकारी दी है फिर भी नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों ने यह कहकर पल्ला झाड़ दिया की वह उनकी जिम्मेदारी नहीं है। वह कहते हैं आप खुद में ही सफाई करो या करवाओ। कई बार कॉलोनी के लोगों ने 50-50 रुपए चंदा देकर टैंक साफ करवाया था लेकिन कई टैंकर ही टूटे हैं तो उनका क्या कर सकते हैं। अगर इतने ही सक्षम होते तो खुद के मकान में रहते।
गंदगी से दूषित हुआ पानी
कॉलोनी में रहने वाले भगवती प्रसाद ने बताया है कि यहां की स्थिति वह किन शब्दों में बयां करें क्योंकि वह बताते-बताते थक चुके हैं लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है। इतनी गंदगी है की सप्लाई का पानी भी प्रदूषित हो चुका है। पर उनकी मजबूरी है कि वही पानी कालोनी के लोग पीते हैं। पहले मीठा पानी निकलता था और अब ऐसी स्थिति है 6 महीना से पानी भी बदबू मारने लगा है। समस्या यह है कि शौचालय की गंदगी से घर चौक हो चुके हैं और खुले में गंदगी बहती है और उसकी गंदगी का असर पानी में भी पड़ता है, जिससे पानी पूरी तरह दूषित हो चूका है।
गंदगी से कॉलोनी में बैठना हुआ मुस्किल
भगवती प्रसाद ने बताया जहाँ नालियाँ बनी हैं वहां गंदगी बह जाती है और जहाँ टूटी वहां इकट्ठा जमा होती है। जिनके घर में गंदगी से बीमारी फैली है वह अस्पताल में जाकर दवा कराते हैं लेकिन आराम नहीं होता है। जब हवा चलती हैं तो कालोनी में बैठना मुस्किल हो जाता है। लोगों ने अपने घर के सामने साड़ी या अन्य कपड़ा बांध रखा है ताकि हवा से बदबू उनके घर में न घुसे। अगर कोई मेहमान घर पर आता है तो सीधा यही बोलता है कहां से बदबू आ रही है? आप यहां कैसे रहते हैं? मिनट भर में सवालों की झड़ी लग जाती है।
वोट के नाम पर हुई राजनीति
इसी कॉलोनी में निवास करने वाली सुनीता काफी गुस्से में थी उन्होंने कहा कि यह गरीबों की कॉलोनी है इसीलिए यहां पर कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है। वैसे भले ही सरकार स्वच्छ भारत मिशन का नारा देती है। लेकिन क्या यह नारा यहाँ सार्थक है? यहाँ तो जगह-जगह गंदगी है सूचना देने के बाद भी कोई नहीं आता है। नगर पालिका के लोग इस तरह अपनी जिम्मेदारी से हटे हुए हैं जैसे कोई कचरा फेंक दिया हो और ध्यान नहीं दे रहे हैं।
लोगों ने हमें बताया कि जब चुनाव आते हैं तो तरह-तरह के वादे होते हैं। बहुत कुछ वादे किये जाते हैं क्योंकि यहां पर गरीब लोग रहते हैं। जहां चुनाव ख़त्म हुआ भूल जाते हैं कि यहाँ भी कभी वोट के नाम पर वादे करके गये थे। साफ़ पानी सबका अधिकार है लेकिन यहाँ प्रदूषित पानी पी रहे हैं उसका शिकायत करने के बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
नगर पालिका है इन समस्याओं का जिम्मेदार – डूंडा विभाग
सौरभ पांडे डूंडा विभाग के अधिशासी अधिकारी से जब इस मामले में बात की गई तो उन्होंने बताया है कि अब उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं नगर पालिका की जिम्मेदारी हैं। कालोनी लोगों को आवंटन कर दी गई है लोग रह रहे हैं। अब जो भी समस्या है वह नगर पालिका से शिकायत करें। भूपेन्द्र सफाई नायक नगर पालिका महोबा ने बताया कि अब तक जानकारी नहीं थी क्योंकि कोई लिखित सूचना नहीं आई थी। जाँच के बाद समस्या का समाधान करवाया जायेगा।
गंदगी से शौचालय का बुरा हाल – रिपोर्ट
इसके आलावा हमने अपनी जुलाई 2021 की रिपोर्ट में पाया कि महोबा ज़िले के कस्बा कुलपहाड़ के रोडवेज़ बस अड्डे के आसपास हो रही गंदगी से यात्री और आम जनता काफी परेशान हैं। लोगों का कहना है कि इस बस अड्डे के बाहर बने सामुदायिक शौचालय की कभी सफाई नहीं होती जिसके कारण यहाँ इतनी गंदगी रहती है और हर समय बदबू आया करती है। बता दें कि स्वच्छ भारत अभियान के चलते कुलपहाड़ बस स्टॉप पर एक महिला और एक पुरुष सार्वजनिक शौचालय बनवाया गया था, लेकिन यहाँ सफाई की कमी होने के चलते अब लोग इस शौचालय का इस्तेमाल भी नहीं करते हैं।
महोबा के मऊरानीपुर गाँव के रहने वाले दीपक यादव का कहना है कि सार्वजनिक शौचालय का इतना बुरा हाल उन्होंने पहली बार देखा है, उन्होंने हमें बताया कि महोबा के इस बस स्टॉप के अलावा यूपी के ज़्यादातर शहरों में रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर रोज़ाना सफाई होती है। लेकिन यहाँ चारों तरफ कूड़ा पड़ा है। उनका कहना है कि बाहर तो फिर भी इतनी गंदगी नहीं है, शौचालय के अंदर तो पैर रखने की भी जगह नहीं है।
कुलपहाड़ नगर पंचायत के सफाई कर्मी संतोष का कहना है कि बस अड्डे की ज़मीन रोडवेज की है और यहाँ सफाई करवाने की ज़िम्मेदारी भी नगर पालिका नहीं बल्कि रोडवेज़ कर्मचारियों की है। उन्होंने बताया कि कभी-कभी वो लोग बाहर सफाई कर देते हैं लेकिन सार्वजनिक शौचालयों की सफाई नहीं करते। उनका मानना है कि रोडवेज़ को इसकी ज़िम्मेदारी उठानी चाहिए और रोज़ाना पूरे बस अड्डे की सफाई करवानी चाहिए।
महोबा रोडवेज़ बस अड्डे के एआरएम हेमेंद्र मिश्रा का कहना है कि बस स्टॉप के बाहर की सफाई की ज़िम्मेदारी तो नगर पालिका की ही है, और उन्होंने कई बार नगर पालिका में इस बात की शिकायत भी की है लेकिन फिर भी यहाँ रोज़ाना सफाई नहीं होती।
गंदगी से भरे वातावरण में स्वस्छ जीवन की कप्लना भी नहीं की जा सकती। वहीं सरकार विकास की बड़ी-बड़ी बाते कहती है। देखा जाए तो रोडवेज़ के अधिकारियों और नगर पालिका से बात कर के ऐसा ही लगता है कि सब एक-दूसरे को दोषी ठहराने में लगे हुए हैं और कोई भी काम करवाने को लेकर चिंतित नहीं है। ऐसे में आम जनता भी अपनी परेशानियां किसको बताये जब ज़िम्मेदार लोग ही अपने दायित्व निभाने में नाकाम हैं।
इस खबर की रिपोर्टिंग श्यामकली द्वारा की गयी है।
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