महाकुंभ 2025: जब चुनाव में आम और ख़ास जनता नहीं देखी जाती तो सुविधाओं को देने में आम और वीआईपी क्यों किया जाता है? महाकुम्भ में कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिल रहा है, जहाँ वीआईपी लोगों के लिए गाड़ियां चल रही हैं जबकि बाकी लोग दस-दस किलोमीटर पैदल चलकर आ रहे हैं। रहने की व्यवस्था की बात करें तो वीआईपी लोगों के लिए काफी सुविधा है, वहीं आम जनता इधर-उधर भटक रही है।
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