नैनक राम भील ने बताया कि वो पिछले 50-60 साल से जमीन पर रह रहे हैं। वह यहां पर नगर पालिका में टैक्स भी जमा करते आए हैं। प्रशासन ने एक दिन पहले ही नोटिस दिया और कार्यवाही कर दी। क्या शासन अंधा है? ये कैसा न्याय हुआ?
लेखन – सुचित्रा
मध्य प्रदेश के गुना में 50 साल से रह रहे आदिवासी परिवारों के घरों को बुलडोज़र द्वारा हटाया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस जमीन पर भारतीय जनता पार्टी का कार्यालय बनाया जाएगा। जिला कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल के प्रस्ताव के बाद राज्य सरकार ने बीजेपी कार्यालय के लिए लगभग 32,000 वर्ग फुट भूमि आवंटित की थी। इस खबर के आने के बाद पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने 7 अप्रैल 2025 को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि जब तक आदिवासी परिवार की रहने की व्यवस्था नहीं होती तब उन्हें हटाया न जाए और उन्हें वहीं पर जमीन के पट्टे दिए जाएं।
मकतूब मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक यह सरकारी जमीन थी जिस पर कई सालों से आदिवासी परिवार ने कब्ज़ा कर रखा था। प्रशासन बस अपना काम कर रही है और इस तरह जमीन पर अतिक्रमण करना सरकारी काम का हिस्सा है। जिला कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने इस बात को मीडिया के सामने कहा।
मध्यप्रदेश के गुना में BJP ऑफिस बनाने के लिए 50+ सालों से रह रहे भील आदिवासियों के घर रात में नोटिस देकर सुबह तोड़ दिए गए। ये घटना आदिवासी समाज के प्रति BJP की अमानवीय सोच को उजागर करती है। बीजेपी के दोषी नेताओं पर कठोर कार्रवाई की मांग करता हूं। @DGP_MP pic.twitter.com/dS88pW6Xt7
— Hansraj Meena (@HansrajMeena) April 7, 2025
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आदिवासी परिवार के लिए जताई चिंता
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस मामले को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार से अनुरोध करते हुए सोशल मीडिया X पर लिखा – “पूर्व शासन के निर्देश भी हैं जो आवास हीन गरीब परिवार शासकीय भूमि पर आवास बना कर रह रहे हैं। वहीं विस्थापित कर उन्हें जमीन के पट्टे दिए जायें। मेरा गुना के जिला कलेक्टर से अनुरोध है कि उन्हें वहीं आवास के पट्टे जारी किए जाएं। यदि वह संभव नहीं है तो उन्हें जब तक वैकल्पिक भूमि आबंटित कर प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के अंतर्गत राशि आबंटित नहीं की जाती है तब तक उन्हें वहां से न हटाया जाए।”
पूर्व शासन के निर्देश भी हैं जो आवासहीन गरीब परिवार शासकीय भूमि पर आवास बना कर रह रहे हैं उन्हें वहीं विस्थापित कर उन्हें पट्टे दिए जायें। मेरा @Collector_Guna से अनुरोध है कि उन्हें वहीं आवास के पट्टे जारी किए जाएँ। यदि वह संभव नहीं है तो उन्हें जब तक वैकल्पिक भूमि आबंटित कर…
— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) April 7, 2025
आदिवासी परिवार का बयान
इस जमीन पर रह रहे नैनक राम भील ने बताया कि वो पिछले 50-60 साल से जमीन पर रह रहे हैं। वह यहां पर नगर पालिका में टैक्स भी जमा करते आए हैं। प्रशासन ने एक दिन पहले ही नोटिस दिया और कार्यवाही कर दी। क्या शासन अंधा है? ये कैसा न्याय हुआ?
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाया था घर
यहां पर रह रहे नैनकराम के बेटे लाखन सिंह ने बताया कि उसने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकारी जमीन पर घर बनाया था और परिवार के साथ कई सालों से रह रहा था। वह टैक्स भी भर रहा था।
बीजेपी पार्टी ने यह जमीन एक करोड़ से अधिक रुपए में खरीदा
मोहन यादव सरकार की कैबिनेट ने जमीन के लिए प्रस्ताव पारित किया था। भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय के लिए इस जमीन को शासन ने 3110 वर्ग मीटर यानी डेढ़ बीघा जमीन का आवंटन किया है। इस जमीन की रजिस्ट्री ‘बीजेपी नई दिल्ली’ के नाम पर की गई है। बीजेपी ने जमीन के लिए शासन को 1,51,29,420 /-₹ करोड़ रुपए दिए हैं। जिसका रजिस्ट्री शुल्क 14 लाख रुपए निर्धारित किया गया था। इसके बाद इस जमीन का पट्टा बीजेपी पार्टी को दे दिया गया था।
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