खबर लहरिया Blog Madhya Pradesh: खंडवा के स्कूल के शौचालय में सुविधा की कमी के चलते 15 साल की नाबलिग से बलात्कार

Madhya Pradesh: खंडवा के स्कूल के शौचालय में सुविधा की कमी के चलते 15 साल की नाबलिग से बलात्कार

मध्य प्रदेश के खंडवा गांव में स्कूल के पीछे शौच करने गई 15 साल की नाबलिग के साथ बलात्कार की घटना सामने आई है। यह घटना सोमवार 14 जुलाई 2025 की बताई जा रही है। घटना की शिकायत नाबलिग की दादी ने अगले दिन में पुलिस में की। एफआईआर के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।

स्कूल में शौचालय की स्थिति की सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार: दैनिक भास्कर)

स्कूलों में छात्राओं की सुरक्षा के लिए एक शौचालय का होना बहुत आवश्यक है। ऐसे बहुत से सरकारी स्कूल हैं जहां शौचालय तो हैं लेकिन वे इस्तेमाल करने लायक नहीं है। शौचालय में या तो गेट नहीं होते या फिर उनमें ताला लगा होता है या फिर जो साफ़ सुथरे शौचालय होते हैं वो स्कूल सटाफ के लिए होते हैं। स्कूल में पढ़ाई के दौरान शौच के लिए जाना भी एक चुनौती बन जाता है। ये चुनौती लड़कियों और नाबलिगों के लिए और बढ़ जाती है।

स्कूल में शौचालय में गेट नहीं, हालत जर्जर

खंडवा के मांधाता थाना क्षेत्र में हुई घटना इस बात का सबूत है कि यदि स्कूल में शौचालय न हो तो लड़कियों की सुरक्षा पर कितना बड़ा संकट आ सकता है, उनके साथ किस तरह की हिंसा हो सकती है। सोमवार 14 जुलाई को लगभग 3 बजे लंच ब्रेक दौरान 15 साल की नाबलिग जो स्कूल में शौचालय का गेट न होने की वजह से स्कूल के पीछे खुले में शौच करने गई और उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया।

दैनिक भास्कर की 19 जुलाई 2025 की रिपोर्ट के अनुसार लड़की ने बताया कि स्कूल में सिर्फ़ एक ही शौचालय है जो इस्तेमाल करने लायक है लेकिन ज़्यादातर समय बंद रहता है। स्कूल में सभी शौचालयों की स्थिति जर्जर है और गंदे पड़े हैं। स्कूल की लड़कियां पीछे ही खुले में शौच के लिए जाती हैं इसलिए उस दिन वो अकेले गई थी।

आरोपी ने स्कूल से दूर ले जाकर घटना को दिया अंजाम

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने बताया कि आरोपी मन सिंह उर्फ मान सिंह जिसकी उम्र 22 साल है। इससे पहले एक छेड़छाड़ के मामले में ज़मानत पर बाहर था। जब उसने छात्रा को देखा तो उसका अपहरण किया और स्कूल से करीब 200 मीटर दूर सुनसान झाड़ियों में ले जाकर रेप किया। बच्ची के शोर मचाने पर गांव का एक युवक मौके पर पहुंचा, जिसे देखकर आरोपी वहां से भाग निकला।

इस मामले ने मध्य प्रदेश के ग्रामीण स्तर पर स्कूलों के बुनियादी ढाँचे और बच्चों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

ABVP कार्यकर्त्ता ने ज्ञापन सौंपा

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में 19 जुलाई, दोपहर लगभग 3 बजे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा। राज्य में हर जिले में स्कूलों में शौचालय बनवाने की मांग की।

स्कूल में शौचालय न होने से खतरा

यह सिर्फ एक मध्य प्रदेश की बात नहीं है। यूपी, बिहार में भी कई सरकारी स्कूल हैं जिनमें शौचालय की सुविधा नहीं है। खबर लहरिया की अक्टूबर 2024 की रिपोर्ट में सामने आया कि यूपी के वाराणसी के चोलापुर ब्लॉक के नियार गाँव के एक विद्यालय में 257 बच्चे हैं लेकिन वे शौचालय का इस्तेमाल नहीं कर पाते है। बच्चों का कहना है कि शौचालय में पानी की सुविधा नहीं है और ना ही वह बैठने लायक है। प्रधानाचार्य का कहना है कि शौचालय तो है लेकिन पाईप टूटी हुई है।

वाराणसी के सरकारी स्कूल में नहीं है शौचालय के इस्तेमाल की सुविधा

स्कूलों में शौचालय की इस तरह की कमी जिसको सालों से नज़रअंदाज किया जाता है स्कूल प्रशासन की लापरवाही नहीं है। यदि स्कूल में ही शौचालय की सुविधा अच्छी हो तो छेड़छाड़ की घटना और बलात्कार की घटना होने से रोका जा सकता है। स्कूलों में लड़कियों की कम संख्या होने के पीछे एक यह भी वजह है कि स्कूलों में शौचालयों की सुविधा नहीं है, ऐसे में परिजन भी स्कूल भेजने से कतराते हैं कि इस तरह की कोई घटना उनके बच्चों के साथ न हो।

 

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