बांदा के भूरागढ़ की केन नदी किनारे सच्चे प्यार के साझा शहादत का अदभुत किस्सा संजोए नटबली महराज का मंदिर हर साल की 14 जनवरी को प्रेमी जोड़ों से गुलजार हो जाता है। बताते हैँ कि 651 वर्ष पूर्व ग्राम भूरागढ़ में भूरा नामक एक नट रहता था। जिसका भूरागढ़ राज घराने से ताल्लुक रखने वाली राजकुमारी से प्यार था।
दोनों ही एक-दूसरे को बेपनाह मोहब्बत करते थे। इनके प्यार का परवान राजघराने के लोगों को नागवार गुजर रहा था। प्रेमिका पक्ष के लोगों ने शर्त के तहत उलझा कर षड़यंत्र रचकर प्रेमी को मरवा दिया। प्रेमी की मौत की खबर सुन प्रेमिका ने भी अपनी जान दे दी। तब से इन दोनों की प्रेम गाथा अमर हो गई। प्रेमी की याद में लोगों ने नदी किनारे उनका मंदिर बनवा दिया।
प्रेमी यह गाथा इतिहास व गुमनामी के पन्नों में भटकने की बजाय लोगों के दिलों में बसती चली गई। साथ ही केन की झरझर उठती गिरती लहरें भी शायद इस अनूठी मोहब्बत को पैगाम देती हुई सदियों से इस सच्ची व अद्भुत प्रेम कहानी की चश्मदीद गवाह बनी हुई है।
अब आगे की कहानी….
जानिए और क्या-क्या जगहें है यहाँ ….
जिला बांदा व्लाक बड़ोखर खुर्द भूरागढ़l जहां पर हर साल की भांति इस साल भूरा गढ़ किले में ऐतिहासिक मेला लग रहा हैl यह मेला कई वर्ष पुराना है जो प्रेम प्रसंग का मेला कहा जाता हैl
इस मेले में अलग-अलग जगह है जो लोग घूमने के लिए आते हैं खास बात यह है कि घूमते ही नहीं है जो प्रेमी होते हैंl वह अपना प्रेम अमर रहने के लिए अपना दीवारों में नाम भी लिख कर जाते हैंl
वहां पर रानी भी रहती थीl जो एक अच्छा खूबसूरत महल था और उस महल के ही पास में के नदी भी है जो नजारा देखती थीl हमने अलग अलग जगह देखा और उसी तरह से पीटू सी
किया है जो रानी महल से निकालकर केन नदी नहाने जाती थीl वहां पर सैनिक भी रहते थे किला की सुरक्षा के लिए वाले में मारेगी और बनी हुई हैंl