खबर लहरिया Blog Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव, प्रक्रिया, शक्तियां व कार्य से जुड़ी सभी जानकारी

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव, प्रक्रिया, शक्तियां व कार्य से जुड़ी सभी जानकारी

लोक सभा के सदस्यों का चुनाव मतदान के द्वारा सीधे जनता करती है इसलिए लोक सभा के चुनाव को ‘आम चुनाव’ भी कहा जाता है।

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लोकसभा चुनाव होने में अब कुछ ही समय रह गया है। इस बार 18वीं लोकसभा चुनाव अप्रैल और मई में होने की संभावना जताई जा रही है। पिछली लोक सभा के लिए चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई 2019 के बीच हुए थे। लोकसभा चुनाव है तो आपको पूरी जानकरी जानने की उत्सुकता होती होगी। आखिर ये लोकसभा चुनाव होता क्या है? लोकसभा के सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया कैसे होती है? उनके कार्य क्या होतें हैं और उनकी शक्तियां कौन-सी होती हैं। तो इन सभी सवालों के जवाब यहां आपको मिल जायेंगे।

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लोकसभा चुनाव क्या है?

लोक सभा के सदस्यों का चुनाव मतदान के द्वारा सीधे जनता करती है इसलिए लोक सभा के चुनाव को ‘आम चुनाव’ भी कहा जाता है।

भारतीय संसद के दो सदन हैं- राज्य सभा और लोक सभा। राज्य सभा के सदस्यों का चुनाव विधायक और सांसद करते हैं इसलिए इसे ‘ऊपरी सदन ‘ भी कहते हैं। लोकसभा के क्षेत्र निर्धारित रहते हैं। जहाँ से एक प्रतिनिधि को चुना जाता है जो लोकसभा का सांसद बनता है।

लोकसभा की सीटें

जानकारी के अनुसार, वर्तमान समय में अधिकतम सीटें 552 हैं और निर्वाचित सीटें 543 हैं। जो सीटों पर चुनाव लड़कर जीत हासिल करता है उन्हें संसद सदस्य या सांसद कहते हैं। इन्हें अलग-अलग राज्यों से चुना जाता है। लोकसभा में राज्यों का प्रतिनिधित्व करने के लिए 530 सदस्य और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने के लिए 20 सदस्य शामिल किए जाते हैं। एंग्लो-इंडियन समुदाय के सदस्यों को राष्ट्रपति द्वारा चुना जाता है।

लोकसभा में सीटों का आवंटन

लोकसभा की सीटों को इस तरह से बांटा जाता है कि प्रत्येक राज्य को दी गई सीटों की संख्या और राज्य की जनसंख्या का अनुपात सभी राज्यों के लिए बराबर हो।

लोकसभा का कार्यकाल

लोकसभा सदस्यों का कार्यकाल पांच साल के लिए होता हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री की सलाह पर उसे राष्ट्रपति पहले भी भंग कर सकते हैं।

लोकसभा का कार्य

  • लोकसभा का काम कानून बनान होता है।
  • कानून में संशोधन ( शर्तों और नियमों में बदलाव) करना।
  • मंत्रिपरिषद के कामों पर अपना नियंत्रण रखना।
  • जनता पर कर लगाने और खर्च करने का निर्णय लेना होता है।
  • संविधान के अंतर्गत मंत्रिपरिषद लोक सभा के प्रति उत्तरदायी होते हैं।
  • धन विधेयकों (धन विधेयक एक विशिष्ट प्रकार का वित्तीय कानून है जो विशेष रूप से करों, सरकारी राजस्व या व्यय से संबंधित मामलों से संबंधित होता है। इसे केवल लोकसभा में ही प्रस्तुत किया जाता है।)
  • लोक सभा ही देश के प्रशासन को चलाने के लिए राशि स्वीकृत करती है।
  • लोकसभा, राज्य सभा के साथ मिलकर संविधान में संशोधन कर सकती है। संविधान में संशोधन संबंधी विधेयक संसद के किसी भी सदन में प्रस्तुत किए जा सकते हैं।

लोकसभा सदस्य की योग्यता

  • व्यक्ति को भारत का नागरिक होना चाहिए।
  • उसकी आयु 30 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
  •  किसी भी अपराध में उसका नाम शामिल नहीं होना चाहिए।
  • देश के किसी भी क्षेत्र की मतदाता सूचि में नाम होना चाहिए।

लोकसभा की शक्तियां

  • लोकसभा अपने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव करती है।
  • लोकसभा राज्यसभा के साथ मिलकर उपराष्ट्रपति का चुनाव करती है।
  • लोकसभा में चुने गए सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग ले सकते हैं।
  • लोकसभा का भारतीय संघ के वित्त पर पूरा नियंत्रण करने का अधिकार होता है।
  • लोकसभा वार्षिक बजट पास करती है तथा सभी तरह के खर्चो की स्वीकृति देती है |

लोकसभा की सीट खाली होने की वजह

  • लोकसभा में यदि कोई सदस्य किसी वजह से अपना इस्तीफा स्पीकर को दे देता है तो लोकसभा की सीट खाली हो जाती है।
  • यदि सदस्य बिना कोई नोटिस दिए 60 दिन तक संसद में नहीं आता है तो उसकी सीट खाली छोड़ दी जाती है।
  • अगर सदस्य ‘दलबदल विरोधी कानून’ के तहत किसी और पार्टी में चला जाता है अर्थात पार्टी बदल लेता है तो सीट खाली कर दी जाती है।
  • यदि किसी सदस्य की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है।

लोकसभा चुनाव के लिए अचार सहिंता

चुनाव से पहले राजनीतिक दलों और उनके उम्मीदवारों के रोकने, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग आचार संहिता ज़ारी करती है। यह एक तरह का दिशा-निर्देश होता है।’आदर्श आचार संहिता’ उसी दिन से लागू कर दी जाती है जब चुनाव की तारीख की घोषणा हो जाती है। यह चुनाव परिणाम निकलने तक की तारीख तक लागू रहती है।

लोकसभा चुनाव जीतने के लिए क्या है ज़रूरी

किसी भी पार्टी को केंद्र में सरकार बनाने के लिए 272 सांसदों की आवश्यकता होती है। अगर किसी पार्टी के पास इतने सांसद नहीं हैं तो वह सरकार बनाने के लिए अन्य दलों के साथ सहयोग कर सकती है, जिसे ‘गठबंधन’ कहा जाता है।

लोकसभा चुनाव की प्रकिया

जिन राज्यों में लोकसभा की सीटें होती है, पार्टियां उन राज्यों में अपने उम्मीदवार के नाम देती है। जनता इन्हें वोट द्वारा चुनती है और इन उम्मीदवार को लोकसभा का सदस्य बनाती है जिसे एमपी( MP) अर्थात मेंबर ऑफ पार्लेमेंट कहते हैं। किसी भी पार्टी या गठबंधन को जीतने के लिए कम से कम 272 लोकसभा के सदस्यों का समर्थन की जरूरत होती है।

प्रधानमंत्री कैसे चुना जाता है?

लोकसभा चुनाव के बाद जिस भी पार्टी या गठबंधन को अधिक वोट मिलते है यानी बहुमत प्राप्त होता है, बहुमत के आधार पर प्रधानमंत्री का चुनाव होता है। पार्टी अपने नेताओं में से एक नाम को राष्ट्रपति को भेजते हैं। राष्ट्रपति उस व्यक्ति को प्रधानमंत्री की शपथ दिलाते हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री बनने वाले व्यक्ति को लोकसभा में अपना बहुमत साबित करना पड़ता है। राष्ट्रपति बहुमत साबित करने के लिए एक निश्चित समय प्रदान करते हैं। बहुमत साबित होने के बाद सरकार चलती रहती है।

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पार्टियां

लोकसभा चुनाव में लोकसभा चुनाव लड़ने वाले 6 राष्ट्रीय दल (पार्टियां) हैं। इनमें भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस (Congress), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI(M), बहुजन समाज पार्टी (BSP), नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) और आम आदमी पार्टी (AAP) जैसी पार्टियां चुनाव लड़ती हैं। इन पार्टियों में बीजेपी और कांग्रेस इस चुनाव में प्रचलित पार्टियां बताई जा रही हैं।

 

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