महोबा जिले के महोबकंठ के रहने वाले सुरेन्द्र खरे जो पेशे से वकील हैं और उन्हें कवितायेँ लिखने का भी बहुत शौक है। उनका कहना है की वह सुनी सुनाई बातों पर विशवास नहीं करते अपनी आँखों देखी घटना को शब्दों में पिरोते हैं। सुरेन्द्र कुमार बताते हैं की वह अधिकारियों के ऊपर भी कवितायें लिखते हैं जैसे कोई अधिकारी का ट्रांसफर होता है या नया कोई आता है |
तो वेलकम कविता भी लिखते हैं जिससे अधिकारी कर्मचारी भी इनकी बहुत वाहवाही करते हैं। आगे बताते हैं विरह वेदना, बुजुर्गो के सम्मान पर कविता लिखी है अपराध या गलत काम पर कभी कविता नहीं लिखी। अपनी कविता के माध्यम से लोगों को सहस दिलाना हमारा उद्देश्य है। सुरेन्द्र खरे बताते हैं की एक बार हम शादी में गये थे वहां मनचलों की वजह से बरात लौट गई मेरी आँखों देखी घटना थी हमने लिखी।
आकाशवाणी छतरपुर से कार्यक्रम निकलते हैं उसमे 10 मिनट का 3300 रुपया मिलता है। लेकिन मेरा ये उद्देश्य नहीं है की पैसे की वजह से कर रहा हूँ हमारा उद्देश्य की हमारी कवितायेँ लाखों लोगों तक पहुचे।