लिप्पन आर्ट (Lippan Art) एक बेहद ही पुरानी कला है जिसका इस्तेमाल लोग अपने घरों को सजाने के लिए करते हैं। यूपी के अयोध्या जिले के मोहल्ला श्रृंगार हाट में वाणी विकलांग सेवा संस्थान द्वारा लिप्पन आर्ट का कार्यक्रम शुरू किया गया था जोकि 15 से 19 मई तक मनाया गया है। आज से तकरीबन 50 साल पहले गांवो में किस तरह से घरों को सजाया जाता है, इस संस्कृति को जीवित रखने के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। पहले के ज़माने में लोग जब छप्पर में रहते थे तो गोबर और मिट्टी की दीवारों पर डिज़ाइन उकेरते थे जो देखने में काफी सुंदर और आकर्षक भी लगते थे।
ये भी देखें – बांदा: 16 साल की पूनम अपनी चित्रकला से कर रहीं नाम रौशन
ग्रामीण छोटे-छोटे कांच के टुकड़े, माचिस की तिलि जैसी चीज़ों पर डिज़ाइन बनाते थे। चाहें वह जानवर की तस्वीर हो, पेड़-पौधे हो या देवी-देवताओं की मूर्ति। लोग इस कलाकृति को अपने घरों की दीवारों पर या घरों में सजाते थे या मिट्टी के बर्तन पर कारीगरी करते थे जिससे चीज़ों की सुंदरता बढ़ जाती थी। लेकिन जैसे-जैसे लोग थोड़ा आधुनिक हुए, उन्होंने मिट्टी के घरों को सीमेंट के घरों में बदल दिया जिससे लिप्पन आर्ट जैसे कलाकृति विलुप्त होती गई।
ये भी देखें – छतरपुर जिले के बुंदेली कलाकार, बुंदेली फिल्म बना कमा रहे नाम
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’