भट्ठे में काम करने वाली छत्तीसगढ़ की मनीषा कहती हैं कि ईंट -भट्ठे में कोई सुविधाएं नहीं हैं। यहां कोई नहीं आता। यहां आशा बहु या एएनएम भी नहीं आती। वहीं आशा कार्यकर्ता कमला का कहना है कि भट्ठे में सभी गर्भवती महिलाओं को टीके लगाए जाते हैं, वहां राशन वितरण भी होता है।
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