जिला बांदा,ब्लाक नरैनी गांव विल्हरका| यहाँ के किसानों का आरोप है कि उन्होंने अपनी जमीन की नाप कराने के लिए हकबंदी दायर किया था, जिसकी नाप का आदेश भी एसडीएम ने कर दिया है पर कानुनगो पैसे की मांग कर रहा है और नाप के लिए गांव नहीं जा रहा| इस लिए वह आये दिन तहसील के चककर लगा रहे हैं |
किसान अरुणोदय का कहना है कि वह विकलांग आदमी है पूरे lock-down इस हदबंदी के तहत जमीन की नाप करवाने के लिए तहसील के चक्कर लगाता रहा लेकिन कानून को पैसे की मांग कर रहा है उसने ढाई हजार रुपए भी वकील के हाथों कानूनों के लिए जमा कर दिए लेकिन फिर भी अभी कोई सुनवाई नहीं हुई और उससे वकील द्वारा बताया गया था कि कानून को ₹5000 की मांग कर रहा है ना आपके लिए इसलिए वह काफी परेशान है |
उसका कहना है कि वह गरीब किसान 4 विजेता काश्तकार है उस 4 बीघे में 2:30 बजे आ रहा था उसमें भी मनरेगा के तहत प्रधान ने मिटटी डलवा दी है जिससे उसका खेत दब गया है अब वह नाक के लिए परेशान है और इतना पैसा भी खर्च कर चुका है लेकिन अभी तक सुनवाई नहीं हो रही अब वह ₹5000 कहां से पाए ढाई हजार तो उसने किसी तरह देने के लिए हां कर दिया है लेकिन कानूनगो अभी भी आपके लिए नहीं जा रहा और 5000 की मांग कर रहा है|
किसान रामकिशोर का कहना है कि वह भी हदबंदी के बाद जमीन के नाथ के लिए 2 साल से परेशान है और कानूनगो के चक्कर लगा रहा है लेकिन कानून को जमीन की नाप के नजदीक नहीं आ रहा और पैसे की मांग कर रहा है जिससे उसका 9 बीघे का चेक दबा हुआ है और बर्बाद पड़ा हुआ है अगर ना हो जाए तो उसका पूरा खेत निकाल आया और वह फसल तैयार करने लगे