जिला ललितपुर ब्लॉक बार गाँव बानपुर के लोगों का कहना है कि वह हर मौसम में जड़ी-बूटी तोड़ने का काम करते हैं। जैसे- रिस्सला आदि। लोगों का कहना है कि वह जंगल के आस-पास के गाँव जैसे महरौनी, बानपुर, पाली आदि गाँवों में जाते हैं। यहां से उन्हें रिस्सला मिलता है। एक दिन में वह एक या दो बोरी भरकर लाते हैं। गाँव की आबादी लगभग 800 परिवार की है। सभी लोग रिस्सला तोड़ने का ही काम करते हैं। इसके अलावा उनके पास और कोई काम नहीं है।
रिस्सला के बाद जब नीम की निंबोरी आती है तो वह लोग उसे बीनते और बेचते हैं। वह लोग इसे 10 या 15 रूपये किलो में ठेले पर जगह-जगह जाकर बेचते हैं। एक दिन में 500 रूपये की मज़दूरी निकल जाती है। अगर दो लोग साथ में बेचने जाते हैं तो दोनों को ढ़ाई -ढ़ाई सौ रूपये मिलते हैं। इतने पैसों में गुज़ारा करना मुश्किल होता है। लोगों का कहना है कि उन्हें किसी भी तरह का सरकारी लाभ नहीं मिला है। वह लोग बीस किलोमीटर दूर चलकर जंगल में जड़ी-बूटी तोड़ने जाते हैं। सुबह 9 बजे जाते हैं और 12 बजे आते हैं। पहले वह तोड़ी हुई जड़ी-बूटी को सुखाते है फिर उसे बेचते हैं। यह जड़ी बूटी कई प्रकार के रोगों को ठीक करने का काम करती है जैसे पेट दर्द,पथरी आदि।
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