ललितपुर जले के महरौनी ब्लॉक के 11 गांव में सपेरे समुदाय के लोग लगभग पांच पीढ़ी से रह रहे हैं लेकिन आज तक उनका जाति प्रमाण पत्र नहीं बना है। लोग जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए तहसील से लेकर लखनऊ इको गार्डन तक चले गए लेकिन लेकिन मिला तो सिर्फ आश्वासन।
ये भी देखें – प्रयागराज: कैंसर से जूझते सरमन जाति के लोग, कहां है आयुष्मान कार्ड का लाभ?
उनका आरोप है कि सरकार उन्हें सिर्फ वोट बैंक समझ कर आश्वासन देती रहती है। इतने नेता मंत्री आये सिर्फ वादे करके चले गए। जब भी लोकसभा, विधानसभा चुनाव आते हैं हर तरह के प्रत्याशी वोट मांगने आते हैं। हमारी पहचान,हमारी जाति बनवाने का वादा करते हैं, फिर होता कुछ नहीं है। आशाराम जिनकी उम्र लगभग 60 वर्ष है वह 1997 से लगातार अपने जाति प्रमाण पत्र की मांग कर रहे हैं। इनका आरोप है कि इन्हें जनरल कैटेगरी में दिखाया गया है जबकि उत्तर प्रदेश के अन्य जिले में वे एससी में आते हैं।
ये भी देखें – कोल आदिवासी कर रहे ‘जनजाति के अधिकार’ की मांग