खबर लहरिया Blog ललितपुर : महरौनी सीएचसी में डिलीवरी महिलाओं को ठंड में नहीं दिया जा रहा कंबल

ललितपुर : महरौनी सीएचसी में डिलीवरी महिलाओं को ठंड में नहीं दिया जा रहा कंबल

डिलीवरी महिलाओं का आरोप है कि बेड की चादरें भी समय-समय पर नहीं बदली जाती। ऐसे में डिलीवरी महिलाओं को स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस वजह से वह अपने घर से ही कंबल व चादर लेकर आती हैं।

Lalitpur news, delivery women complain about insufficient facilities in Mahrauni CHC

                                  (फोटो साभार – खबर लहरिया / नाज़नी रिज़वी )

ठंड का मौसम चल रहा है ऐसे में यह खबर सामने आ रही है कि ललितपुर जिले के महरौनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डिलीवरी महिलाओं को कंबल व चादर नहीं दी जा रही है जबकि नियम अनुसार डिलीवरी महिलाओं को यह सुविधाएं मिलनी चाहिए। ऐसे में माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य को लेकर केंद्र पर सवाल खड़ा होता है।

इसके साथ ही डिलीवरी महिलाओं का यह भी आरोप है कि बेड की चादरें भी समय-समय पर नहीं बदली जाती। ऐसे में डिलीवरी महिलाओं को स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस वजह से वह अपने घर से ही कंबल व चादर लेकर आती हैं।

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कमरे में रहती है गंदगी

Lalitpur news, delivery women complaint about insuficient facilities in Mahroni CHC

                                                                  डिलीवरी महिलाएं अपने घर से कंबल व चादर लेकर आती हैं

खबर लहरिया ने समस्या को लेकर केंद्र में भर्ती डिलीवरी महिलाओं से बात की। मेदनवारा गांव की नेहा बताती हैं, उनकी सास घर से बिस्तर लेकर आई थी जिसका वह इस्तेमाल करती हैं। पहले भी जब उनका बच्चा हुआ था तब भी उन्हें घर से अपना बिस्तर लाना पड़ा था। अगर वह घर से लेकर नहीं आते तो ठण्ड में ही मर जाए।

अन्य महिला ने बताया कि कमरे में जल्दी सफाई भी नहीं होती। बेड गंदे पड़े रहते हैं। ऐसे में बच्चे को बीमारी भी हो सकती है। इसके साथ ही जच्चा-बच्चा वार्ड में लाइट भी पूरी तरह से नहीं रहती। ठण्ड का समय है। ऐसे में अँधेरे में बच्चा रोता रहता है। यहां तक की कमरे में लगे गद्दे इतने गंदे व फटे हुए हैं कि उस पर सोने तक का मन नहीं करता। अस्पताल में सफाई भी ठीक से नहीं की जाती।

सुविधाओं की कमी से अंजान अधीक्षक

स्टाफ नर्स अनीता ने खबर लहरिया को बताया कि अस्पताल में अधिकतर महिलाएं ग्रामीण क्षेत्र से आती हैं और जब उन्हें डिस्चार्ज किया जाता है तो अपने साथ कंबल और चादर भी रखकर ले जाती हैं। अब वह आधार कार्ड जमा करके ही कंबल देते हैं।

वहीं महरौनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक एम.पी सिंह ने का कहना था कि उन्हें बेड, चादर व कंबल की कमी के बारे में कुछ नहीं पता। जहां तक बात रही सफाई की तो वह इसकी व्यस्था करेंगे।

सफाईकर्मी राजाराम का कहना था कि अस्पताल में 7 सफाईकर्मी है जो दिन में तीन बार सफाई करते हैं।

पूरे मामले में या तो डिलीवरी महिलाओं पर किसी न किसी तरह से आरोप लगाया जा रहा तो कहीं अधीक्षक को ही अस्पताल में होती लापरवाही और सुविधाओं की कमी के बारे में ही नहीं पता। डिलीवरी महिलाओं के लिए सुविधाओं में कमी होने का मतलब है, होने वाले बच्चे के जीवन पर खतरा। इन सब चीज़ों के बावजूद भी अधिकारियों द्वारा समस्या को लेकर स्पष्ट तौर पर जवाबदेही नहीं दी गयी है।

इस खबर की रिपोर्टिंग नाज़नी रिज़वी द्वारा की गयी है। 

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