बांदा जिले का सबसे पिछडा कहे जाने वाला नरैनी ब्लाक आज भी कई तरह कि समस्याओं से घिरा हुआ है| जिसके चलते बडी-बडी आबादी वाले मजरों में लोगों के अवा-गवन का रास्ता तक नसीब नहीं हो रहा| ऐसा ही एक जमवरा ग्राम पंचायत का मजरा क्योटन पुरवा है|
क्योटन पुरवा की आबादी पांच सौ से ऊपर है पर नदी और खेतों से घिरा होने के कारण वहाँ के लोगों को निकलने के लिए कोई रास्ता नहीं है| पुरवा में रहने वाले लोगों का कहना है कि रास्ता न होने के कारण स्वास्थ्य,शिक्षा और विकास कार्य सब अधुरे हैं| जिसके चलते उनके बच्चों के शादी विवाह में भी बधाएं आ रही हैं|
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कई बार उन लोगों ने रास्ता की मांग की और विभाग से अधिकारी आए नाप हुई पर रास्ता आज तक नहीं बना इसी आस में उनकी तीन पीढ़ी बीत गई| लोगों का ये भी कहना है कि आज से 20 साल पहले एक प्रधान ने कच्चा सूक्टर बनवाया था पर वह भी खुद गया| रास्ता इतनी ख़राब है के गाड़ी चलाना तो दूर चलना भी मुश्किल है
जिससे बहुत परेशानी होती है| नयाब तहसील दार का कहना है कि उस पुरवा में ग्राम समाज कि जमीन नहीं है जिसकी जमीन है वह दे नहीं रहा इस लिए विवाद के कारण रास्ता नहीं बन पा रहा नरैनी बीडीओ मनोज कुमार का कहना है कि उनके यहाँ इतना बजट नहीं होता की बडे रास्तें पक्के बने वह रास्ता पी,डब्लू डी या जिला पंचायत से बन सकता है| उन्होंने नरैनी में ऐसे जितने उनकी सुची पी,डब्लू डी को भेज दी है|