जिला बांदा, ब्लॉक बिसन्ड़ा, गांव पल्हरी सानी। यह गांव चित्रकूट और बांदा जिले के बार्डर में बांदा से लगभग 53 किलोमीटर दूर बसा है। योजनाओं और सरकारी सुविधाओं से लोग वंचित हैं। लगभग 6 हज़ार की आबादी के बीच का ऐक मजरा है बेलगवां। यहां पर लोगों ने कई समस्याएं बताइं जिनमें मैने चार समस्याओं पर गहराई से निरीक्षण किया।
1 बरसात आ गई पर नालियों की सफाई नहीं, वह जाम हैं। अगर बारिश हो गई तो नालियों का पानी लोगों के घरों के अंदर घुस जाएगा, गन्दगी बहुत ज्यादा है। सफाई कर्मी सफाई के लिए नहीं आता।
2-मजरे में प्रधान ने यह कहकर घर-घर शौचालय बनवाया कि आपको पैसा मिल जाएगा। जो बनवाने में सक्षम थे उन लोगों ने बनवा लिया। इस तरह से कुल 12 शौन्चालय कम्प्लीट हैं लेकिन उनका पैसा नहीं मिला बाकि गड्ढे खुदे पड़े हैं। कुछ लोगों ने गड्डे पूर दिए क्योकि खुले गड्डे खतरे में डाल रहे थे।
3- गांव के एक व्यक्ति (नत्थू पुत्र परदेशी) के नाम तालाब का पट्टा है। उसके हिसाब से इस तालाब के सुन्दरीकरन के नाम पर प्रधान ने बजट निकाल लिया। थोड़ा बहुत जेसीबी से तालाब की खुदाई कराई। हर साल 4 हज़ार रुपये व्यक्ति को लगान भरना पड़ता है लेकिन व्यक्ति उस तालाब का लाभ नहीं ले पा रहा। अगर उस तालाब में पानी भर जाता तो मत्स्य पालन कर लेता।
4 गांव वालों के हिसाब से पुलिया निर्माण गलत जगह किया गया। कमजोर मैटेरियल लगाकर बजट अपनी जेब में रख लिया प्रधान ने।