छापछोल ब्लाक महरौनी जिला ललितपुर गांव छापछोल के लोगों का कहना है कि उन्होंने लगभग 4 साल पहले मनरेगा के तहत मज़दूरी की थी। लेकिन आज तक उन्हें उनके मज़दूरी के पैसे नहीं मिले हैं। किसी ने दो हफ्ते, किसी ने चार हफ्ते और किसी ने एक महीना भी मनरेगा के तहत मज़दूरी की है। उनका कहना है कि उन्होंने इसी उम्मीद से काम किया था कि मज़दूरी के वेतन से घर का खर्चा और बच्चों की पढ़ाई, दोनों के लिए पैसे आ जाएंगे।
जब प्रधान से मज़दूर अपने वेतन भत्ते के बारे में पूछते हैं तो प्रधान द्वारा यही कहा जाता है कि उनके बैंक खातों में उनके मज़दूरी के पैसे डाल दिया गया है। लेकिन मज़दूरों द्वारा बैंक में पैसे देखने के लिए एंट्री कराई जाती है तो वह अपना खाता पहले की ही तरह खाली पाते हैं। लोगों ने अपनी समस्या को लेकर कई जगह शिकायत भी की, पर कहीं से भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली। लोग मज़दूरी भत्ता ना मिलने की वजह से काफी परेशान हैं।
उनका कहना है कि वह कहां जाएं, किससे कहें, कौन उनकी शिकायत सुनेगा। ब्लॉक महरौनी के विकास खंड अधिकारी सुनील कुमार का कहना है कि जिन्हें पैसा नहीं मिला है, आप हमें उनकी जानकारी भेज दो और हम हाथों-हाथ उनके खातों में पैसे डाल देंगे। सवाल यह है कि अगर प्रधान द्वारा मज़दूरों के खातों में पैसे डाल दिए गए हैं, तो पैसे उनके खातों में आये क्यों नहीं ? बीते चार सालों से मज़दूरों को मज़दूरी भत्ता क्यों नहीं दिया गया? शिकायत करने पर भी इतने समय तक उनकी बात को क्यों नहीं सुना गया ? क्या अधिकारी लोगों को इस बात का आश्वाशन दे सकते हैं कि इस बार उन्हें उनके पैसे मिल जाएंगे ? और अगर ना मिले तो फिर मज़दूरों को क्या करना चाहिए ?