सरकार भले ही गरीबो को कई तरह की योजना चला रही हो। भले ही फ्री में उनके खाने के लिए राशन दे रही हो। पर प्रवासियों के लिए कोई भी योजना उनतक नही पहुँच पा रहे है। आज भी प्रवासी सरकारी योजनाओं से वंचित है। विष्णु ने बताया कि हम दिल्ली में रहते थे। मजदूरी का काम करते थे।
लॉक डाउन के समय तो बहुत बुरा हाल था। खाने को नही मिला। किसी तरह से कमरा से बाहर निकले तो पैदल घर आये थे। अब हम गाँव मे रहकर खेती का काम करते है। दिल्ली अभी नही जा रहे हैं। जब तक बीमारी खत्म नही हो जाती है। हमे श्रम विभाग के बारे में कोई जानकारी नही है।
न ही हमारे खाते में कोई पैसा आया है। गिरजा ने बताया कि दिल्ली में हम हिमांचल के परिवार के साथ रहते थे। कंपनी में काम करते थे। हम लोग लॉक डाउन के समय घर आये थे। रास्ते में हमारी चोरी हो गई थी। हमारे पति का अपहरण भी हो गया था। मारपीट भी हुई थी। हमे रजिस्ट्रेशन के बारे में कोई जानकारी नही है।
हमारे 4 जवान लडकिया है। शादी के लिये। काम है तो कही लग नही रहा है। हम लोग कहा जाए और काम है तो लग नही रहा है। श्रम परिवर्तन अधिकारी महेंद्र सिंह ने बताया कि शर्मा विभाग में 13 योजनाये चल रही है। जसमे अभी तक 11 सौ से ज्यादा लोगो को रजिस्ट्रेशन हो गया है। सभी तो एक ही तरह की योजना है। जो निवासियों के लिए है। वही प्रवासियों के लिए।