फरवरी 2019 में प्रयागराज में अर्धकुम्भ मेला लगा था। 24 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री पांच सफाईकर्मी के पैर धुले जिसमें से चार सफाईकर्मी बांदा जिले के गांवों (1 ज्योति देवी – कायल कौहारा गांव, ब्लाक बबेरु। 2 चौबी निवासी मझिला गांव ब्लाक बबेरु। 3 प्यारे लाल – बबेरु कस्बा। 4 नरेश कुमार चमके – नारायणपुर ब्लाक कमासिन। 5 होरी लाल- संभल जिला) से हैं।
मोदी ने पैर धुल कर समाज को सन्देश दिया कि छूआछूत भेदभाव से ऊपर उठकर समाज में सबसे नीचे मानी जानी वाली जाति को भी बराबरी का अधिकार है। तो दूसरी तरफ मोदी को इन लोगों से वोट बैंक बढ़ाने का भी फायदा मिला। पैर धुलने के समय एक एक टोपी, झोला और 2-2 लाख का बीमा दिया गया। जब मैं नरेश कुमार चमके की पत्नी और चौबी से मिली तो उनकी बातें हैरान करने वाली थी। नरेश के घर की स्थिति बहुत खराब है। उसके चार बच्चे हैं। सबसे छोटा बच्चा बहुत बीमार है। इलाज़ के लिए पैसे नहीं हैं।
नरेश अब भी कमाई के लिए प्रयागराज में है। कच्चा घर चारो तरफ से गिरा पड़ा हैं। bjp सरकार की आवास और शौचालय जैसी ढीढोरा पीट रही योजनाएं उनसे कोसों दूर हैं। न राशन कार्ड, न उनको खेती न ही उनके बच्चे पढ़ाई कर पा रहे। उन्होने सरकार पर सवाल उठाते हुए मुझसे पूँछा आखिरकार मोदी ने पैर धुलने जैसे का पाखंड क्यों किया। हम जहां थे वहीं पर आज भी हैं इसी तरह जब चौबी देवी से बात हुई उन्होने भी और भी बढ़कर समस्या बताई कि जब से मोदी ने पैर धुले मीडीया के लोग हज़ारो बार सवाल जवाब किए फ़ोटो खींचे लेकिन हमें तो कोई फायदा नहीं। चारो तरफ बदनाम हो गई कि अब मैं दुनिया में छा गई। मोदी ने मुझे बहुत पैसे दे दिए।
समाज के मारे हम जीने नहीं पा रहे। जब मोदी ने पैर घुले तो हमें बहुत ग्लानि महसूस हुई। क्या मोदी हमें ऐक सर्कारी नौकरी देंगे। हमारे दरवाजे के सामने ऐक handpamp है हमें आज भी छूने नहीं दिया जाता। दूर से लोग बाल्तियों में भरकर हमारी बाल्टी में डाल देते हैं। मोदी ने पैर धुलकर जीना हराम कर दिया। आज भी हम इसी तरह कमाने खाने जाते हैं। हमारे बच्चे पढ़ नहीं पाते। रहने को घर नहीं है। अगर प्रधान से मांगते हैं कोई लाभ तो बोलते हैं मोदी देंगे तम्हें। भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री ने कहा कि उनकी समस्याओं का समाधान होगा। हैंडपम्प छुआ-छूत पर कार्यवाही करेंगे