जिला वाराणासी के ब्लाक चिरईगांव क्षेत्र के 18 गांव एक महीने पहले नगर निगम में शिमिल किए गये है| उन गांव कि चर्चा और विकास कार्य को लेकर एख साल बाद 7 जनवरी 2020 को क्षेत्र पंचायत सदस्यों और ग्राम प्रधानो की बैठक हुई| जिसपर एक क्षेत्र पंचायत वंदना सिंह की अनुपस्थिति में उनके पति सुधीर सिंह ने बैठक सम्पन्न कर ली। जिसपर उमरहा गांव के क्षेत्र पंचायत सदस्य रामऔतार यादव ने आपत्ति जताई। लेकिन उसकी एक नहीं सुनी गई| जिससे क्षेत्र पंचायत सचिव और खण्ड विकास अधिकारी चिरईगांव विजय कुमार से पूछा गया तो वह बोले की वंदना सिंह के अनुपस्थिति में बैठक होना तो नहीं चाहिए। लेकिन ये बैठक पहले से ही चल रही थी तो वह कैसे रोक सकते थे। इस लिए ये क्षेत्र पंचायत वंदना सिंह का न होने वाला विषय काफी चर्चा में रहा|
पंचायत सदस्य डाक्टर राम अवतार यादव, जयप्रकाश कैलास और प्रेमलता सदस्य का कहना है कि क्षेत्र पंचायत द्वारा कराए गए विकास कार्यो का दीवाल लेखन अभी तक नहीं कराया गया। बैठक के एजेंडे पर क्षेत्र पंचायत का हस्ताक्षर है।लेकिन उसके बाद भी बैठक की बागडोर उसके पति सुधीर सिंह ने सभाला। जबकि उन लोगो ने इस बात कि आपत्ति भी लगाई लेकिन बैठक चलती रही। जो कि ये गलत है और इस बैठक से सदस्य और प्रधान कोई भी संतुष्ट नहीं है और नगर निगम में प्रस्तावित गांवों के ग्राम प्रधानों के उत्पीड़न के आरोप जैसे कई विषय पर चर्चा हुई|
क्षेत्र पंचायत की बैठक में नगर निगम के विस्तारित सीमा में शामिल हुए गांवो के ग्राम प्रधान अमरनाथ प्रधान रसूलगढ, सदहा के वीरबहादुर सिह, गौराकला के अनील मौर्य और बरियासन के देवराज ने जिला प्रशासन पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए रसूलगढ़ के ग्राम प्रधान अमरनाथ ने बैठक में कहा की बगैर किसी सूचना के ही ग्राम प्रधानों के अधिकार छिनने की प्रक्रिया चल रही है। जन्म मृत्यु रजिस्टर परिवार रजिस्टर तक जमा करा लिया गया।अब जल्द ही धन आहरण पर पाबंदी की बातें हो रही है।हम लोगों के कार्यकाल नवम्बर 2020 तक चलना है| लेकिन सरायमोहाना कोटवा संदहा तिलमापुर आशापुर सहित 18 गांव प्रस्तावित नगर सीमा में शामिल हैं। जिसमें अब बहुत ही जल्द सारा कामकाज नगर निगम से इन गांवों का होने लगेगा। जिससे आम जनता काफी परेशान होगी| अगर ये गांव नगर निगम में शामिल होने थे तो इसकी सुचना अधिकारियों को पहले से देना चाहिए न की बिन सुचना और क्षेत्र पंचायत सदस्य कि अनुपस्थिति में बैठक संपन्न कर ली जाए| ये तो सरेआम प्रधानो और सदस्यों का शोषण है|