खबर लहरिया से बात करते हुए क्रांति गौड़ ने कहा कि “मेरा एक ड्रीम है इंडिया की जर्सी चाहिए तो वो मैंने एक चीज सोच के रखी है और मैं एक दिन जरूर खेलूंगी।”
लेखन – सुचित्रा
छतरपुर की रहने वाली क्रांति गौड़ को भारतीय महिला क्रिकेट की राष्ट्रीय टीम में 5 मई 2025 को शामिल किया गया। इसकी जानकारी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ICC ने दी। अब वह श्रीलंका के कोलंबो में चल रही एकदिवसीय (ODI) त्रिकोणीय श्रृंखला में युवा ऑलराउंडर काश्वी गौतम की जगह खेलेंगी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि काश्वी गौतम को चोट लगने की वजह से मैच से बाहर होना पड़ा। हाल ही में 22 वर्षीय क्रांति गौड़ ने महिला प्रीमियर लीग 2025 (Women’s Premier League / WPL) में टीम यूपी वॉरियर्स की तरफ से 8 मैचों में 6 विकेट लिए थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रविवार 4 मई 2025 को त्रिकोणीय सीरीज का वनडे मैच श्रीलंका के साथ खेला था। यह मैच आर प्रेमदासा इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया था। इस मैच में भारत को तीन विकेट से हार मिली थी। इसी मैच के दौरान काश्वी गौतम को चोट लग गई और वह मैच से बाहर हो गई। इसके बाद उनकी जगह खेलने के लिए छतरपुर की रहने वाली क्रांति गौड़ को चुना गया। कल 7 मई 2025 को भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 23 रनों से हराया और फाइनल में पहुँच गई। अब रविवार 11 मई 2025 को भारत और श्रीलंका के बीच मैच खेला जायेगा।
क्रांति गौड़ का सफर
हाल ही में महिला प्रीमियर लीग (WPL) में यूपी वारियर्स के लिए खेलते हुए क्रांति ने काफी अच्छा खेला, जिसकी वजह से भारतीय टीम में खेलने का उनका सपना पूरा हो गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने 8 मैचों में 6 विकेट लिए, जिसमें दिल्ली कैपिटल्स (DC) के खिलाफ चार विकेट थे। इसके अलावा सीनियर महिला वनडे ट्रॉफी में भी उन्होंने मध्य प्रदेश के लिए खेलते हुए 9 मैचों में 15 विकेट लिए। इसमें बंगाल के खिलाफ फाइनल में चार विकेट लिए जिससे फाइनल में उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया था।
क्रांति गौड़ ने लेदर टूर्नामेंट से की थी शुरुआत
खबर लहरिया न्यूज चैनल को इंटरव्यू देते हुए उन्होंने बताया कि, छतरपुर के घुवारा गांव में लेदर टूर्नामेंट खेला जा रहा था जब वह 15 साल की थी। दो टीमें वहां मौजूद थी लेकिन एक टीम में खिलाड़ी कम थी तब टीम में से एक लड़की ने पूछा खेलोगी क्या? तब मैंने कहा हाँ, वह मेरा लेदर की बॉल से पहला मैच था।
शुरू से ही क्रिकेट खेलने का था शौक
क्रांति गौड़ ने बताया जब भी उन्हें कोई पूछता क्या चाहिए वह हमेशा बैट बॉल ही मांगती थी। अधिकतर गांव में लड़कों के साथ ही क्रिकेट खेलती थी। जब वह खेलने जाती थी तब आस पास के लोग बोलते थे लड़की जात है इसको घर बैठा लो, क्यों भेज रहे हो? परिवार और उनके कोच ने उन्हें सपोर्ट किया।
क्रांति गौड़ का सपना था इंडिया की जर्सी पहनना
खबर लहरिया से बात करते हुए क्रांति गौड़ ने कहा कि “उनका एक ड्रीम है इंडिया की जर्सी चाहिए और मैं एक दिन जरूर खेलूंगी।”
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ICC ने टीम इंडिया में क्रांति को विकल्प के तौर पर शामिल कर लिया है लेकिन इस बार वह मैदान में 11 खिलड़ियों के साथ खेलेंगी की नहीं ये फाइनल मैच में पता चलेगा।
क्रांति गौड़ ने अपने गांव का नाम रोशन कर अब देश का नाम रोशन करने की ओर कदम बढ़ा लिए हैं। आज के समय में महिला हर क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाने में कामयाब हो सकती है, बस उन्हें जरूरत है समर्थन की। समाज अक्सर महिलाओं को आगे बढ़ता देख फिजूल की टिप्पणी करता है जोकि उनके घर वालों और उसे खुद आगे बढ़ने से रोकता है, लेकिन इसी विचार को बदलना है।
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