खबर लहरिया जिला बिहार के “तेलहर कुंड” की टॉप 5 ख़ास बातें

बिहार के “तेलहर कुंड” की टॉप 5 ख़ास बातें

अमूमन घूमना-फिरना तो हर किसी को पसंद होता है क्योंकि मुझे तो काफी पसंद है। कहीं भी घूमने जाने से पहले हम प्लान ज़रूर करते हैं और कुछ ख़ास जगहों को ढूंढते हैं। आपके ढूंढ़ने की मुश्किल को आसान करते हुए मैंने आपके लिए एक बेहद ही सुंदर जगह की तलाश की है। वह जगह सुकूं, शांति और हरियाली से ओत-प्रोत है। मैं बात कर रही हूँ बिहार के “तेलहार कुंड” की। यह कुंड सैलानियों में काफी मशहूर है। यह कैमूर जिले के भभुआ औधोरा मार्ग पर स्थित है।

जानकारी के लिए बता दूँ, बिहार वो राज्य है जिसे प्राचीन काल में मगध के नाम से भी जाना जाता था और इसकी राजधानी पटना को पाटलिपुत्र के नाम से। माना यह जाता है कि बिहार शब्द की उत्पत्ति बौद्ध विहारों के विहार शब्द से हुई है जिसे बाद में बिहार कर दिया गया। चलिए अब बात करते हैं बिहार के तेलहार कुंड खासियत और उसके इतिहास के बारे में।

ये भी देखें – बिहार के ‘सोन भंडार गुफा’ की 5 खास बातें

तेलहार कुंड की 5 खास बातें जानें

5. तेलहार कुंड की खास बात यह है कि इसका पानी हमेशा ठंडा रहता है। साल के हर समय झरने का पानी बेहद शीतल होता है।

4. 80 मीटर की ऊंचाई से गिरते हुए इस झरने की खूबसूरती, चारों ओर की हरियाली, पंछियों की चिलचिलाहट और प्राकृतिक सुन्दरता आने वाले पर्यटकों को मोहित कर लेती है। यह स्थान पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। तेलहर कुंड चारों तरफ से हरा भरा है जिसे लोग ‘बिहार का स्वर्ग’ भी कहते हैं।

3. जलप्रपात भभुआ क्षेत्र से लगभग 32 किमी और मोहनिया क्षेत्र से लगभग 47 किमी दूर है। झरने के पास कई आकर्षण हैं जिनमें मां मुंडेश्वरी मंदिर भी शामिल है। यह क्षेत्र के सबसे पुराने और सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है।

2. इस झरने में एक बांध भी है जिसे ‘करमचट बांध’ कहा जाता है जो इसके पास स्थित है। यह चारों तरफ से अद्भुत दृश्यों से घिरा हुआ है। वैसे तो बिहार में काफी झरने हैं लेकिन इस झरने की खूबसूरती यहाँ तक खींच ही लाती है। यह झरना तेलहर कुंड झील में जाकर समाप्त होता है जोकि पर्यटकों के आने और डुबकी लगाने के लिए एक लोकप्रिय स्थान है।

1. अनोखा बात यह है कि मां मुंडेश्वरी मंदिर भारत के प्राचीन मंदिरों में शुमार है। मंदिर कैमूर पठार की मुंडेश्वरी पहाड़ियों पर 608 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह 1915 से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित स्मारक है। कहा जाता है कि चंड-मुंड के वध के लिए देवी यहाँ आई थी और तभी से इस मंदिर का नाम मां मुंडेश्वरी देवी के नाम से प्रसिद्ध है। पहाड़ी पर बिखरे हुए पत्थर और स्तम्भ आपको दिख जायेंगे जिनपर यहाँ के बारे में भी लिखा गया है।

तो जाइए लीजिए तेलहर की प्राकृतिक खूबसूरती का मज़ा। तो दोस्तों कैसा लगा आज का हमारा शो ? नीचे कमेंट करके ज़रूर से हमें बताईये ताकि मुझे भी पता चले की आपको हमारा शो और जगह कितनी पसंद आई। अगले शो में फिर मिलते हैं कुछ नए टॉपिक के साथ तब तक के लिए गुड बाए!!

ये भी देखें –

बिहार के “शेरगढ़ किला” में हैं सैकड़ों सुरंगें और तहखानें

यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’

If you want to support  our rural fearless feminist Journalism, subscribe to our premium product KL Hatke