जानिए लॉकडाउन में लोगों के प्रति कैसा है पुलिस का रवैया? जिला बांदा, कस्बा नरैनी| जहाँ एक तरफ इस महामारी से लोग जुझ रहे है वहीं दुसरी तरफ लोगों को पुलिस कि दादागीरी का खौफ भी लोगों को खुब सता रहा है| क्योंकि सुबह होती ही पुलिस का हारन बजने लगता है और डंडे हिलने लगते हैं| जिससे बहुत से लोग तो काम होते हुए भी बाहर निकलने के लिए डरते हैं|कोरोना से बचाव हेतु पीएम मोदी द्वारा घोषित लॉकडाउन को पुलिस सख्ती से लागू करवा रही है। कई राज्यों से घटनाएं सामने आ रही है कि कैसे मजबूर लोग जो सड़क पर हैं, वो पुलिस के गुस्से का शिकार हो रहे हैं। लेकिन कई जगह पुलिसवाले लोगों की मदद भी कर रहे हैंइस मामले पर हमने लोगों से बात किया और जाना की पुलिस का लोगों के प्रति क्या रवैया है लोगों का कहना है की जिस तरह से अन्य शहरों के मामले सुनने को मिल रहे हैं की लॉक डाउन के चलते पुलिस बहुत शक्ति बरत रही है और डंडे चला कर दादागीरी दिखा रही है ऐसा महौल नरैनी में नहीं है लेकिन फिर भी काफी शक्ति बरती जा रही है| जिससे लोगों के अंदर डर है पर बड़े बड़े शहरों में लोगों के साथ बुरा बरताव किया जा रहा है जो सही नहीं है| वह लोग मानते हैं कि लॉक डाउन के चलते कडाई करना जरुरी है पर इतनी भी नहीं की बिना काम पुंछे लोगों के साथ मारपीट की जाए| यहाँ भी पुलिस शक्त है और कभी कभी लोगों को बिना रीजन जाने अभद्रता से पेश आने लगती है और खदेड़ देती है जो ठीक नहीं है पर बहुत से लोग समझने पर मानते नहीं हैं और लॉक डाउन का पालन नहीं करते इस लिए ये स्थिति होती है नहीं तो पुलिस काफी लोगों को समझने का प्रयास करती है| नरैनी कोतवाली प्रभारी गिरेन्द्र सिंह का कहना है की क्या करें लॉक डाउन का पालन करने के लिए कई तरह के हंथकडे अपनाने पडते हैं| कभी प्यार और एलाऊंस से समझते हैं तो कभी डंडा भी दिखना पड़ता है नहीं लोग और भी भीड़ इकठ्ठा करेंगे जो ठीक नहीं है|पर उनकी जिम्मेदारी है लोगों को भीड़ और बीमारी से बचने के लिए दुरी बनाए रखने के प्रति डरवाना|