यूपी का जिला भदोही जो कालीन नगरी से देश-विदेश में फेमस है। हाथ से इस कालीन की बुनाई होती है, जो लोगों द्वारा काफी पसंद की जाती है।
डिमांड में हैं भदोही के कालीन
भदोही, मिर्ज़ापुर, पानीपत, जम्मू कश्मीर, राजस्थान समेत कई शहरों से कालीन का निर्यात किया जाता है, लेकिन पूरे देश में कालीन निर्माण और निर्यात का सबसे बड़ा क्षेत्र भदोही है। कालीन उद्योग से सबसे ज्यादा निर्यात यूएसए में किया जाता है। कालीन के निर्यात में लगातार तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है जिसकी सबसे बड़ी वजह यहां के कार्पेट की अच्छी क्वालिटी और यूनिक डिजाइन है।
कालीन की कला का सफर
कालीन बुनाई की कला को भारत में लाने करने का श्रेय मुगल बादशाह अकबर को दिया जाता है। मुगल बादशाहों ने अपने शाही दरबारों और महलों के लिए फारसी कालीनों को संरक्षण दिया। उन्होंने अपनी मातृभूमि से फारसी कारीगरों को लाया और उन्हें भारत में स्थापित किया।
कैसे बनती है कालीन?
सबसे पहले सुंदर और आकर्षक डिजाइन तैयार की जताई है। डिजाइन को कागज़ की चादर पर तैयार किया जाता है, जिसे बुनकर कालीन पर उकेरते हैं। उसके बाद उसकी रंगाई की जाती है। रंगाई के बाद इसे सुखाया जाता है और इसके बाद शुरू होती है बुनाई की प्रक्रिया। इसके बाद इसकी धुलाई की जाती है और सूखने के बाद बाहर निर्यात किया जाता है।
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