लेख- न्याया
नमस्कार दोस्तों! इस वीडियो में हम जानेंगे कुछ ऐसे कानूनी शब्दों को जिनको हम सुनते या बोलते तो हैं, पर शायद ही उनके सही मतलब जानते हैं।
आपकी इस ही परेशानी को दूर करने और आपके कानूनी ज्ञान को बढ़ाने के लिए हम आपके लिए लाए हैं- कानूनी शब्दकोश।
आज के शब्दों को जानें से पहले जान लें कि ये शब्द आमतौर पर यौन हिंसा के सर्वाइवर्स को दी जाने वाली मेडिको-लीगल प्रक्रिया में ज्यादा इस्तेमाल होते हैं।
मेडिको-लीगल वह प्रक्रिया हैं, जहां सर्वाइवर्स यानी जिसके साथ हिंसा हुई है, उन्हें मेडिकल इलाज देने के साथ डॉक्टर उसके साथ हुई हिंसा के सबूत भी इकट्ठा करते हैं। मेडिको लीगल प्रक्रिया को और ज्यादा जानने के लिए (इस) लिंक पर जाएं। अब बात करते हैं आज के शब्दों की।
टू-फिंगर टेस्ट
इस टेस्ट में डॉक्टर, महिला सर्वाइवर की योनि यानी वेजाइना में एक उंगली डालकर योनि के ढीलेपन और हाल ही में किए गए सेक्स की जांच करते हैं। आपको बता दें अब यह टेस्ट इलीगल है और अगर ये टेस्ट होता है, तो करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
फोरेंसिक सबूत यानी Forensic Evidence
बैलिस्टिक, खून की जांच और डीएनए जांच जैसे वैज्ञानिक तरीकों से मिलने वाले सबूत ही फोरेंसिक सबूत हैं। फोरेंसिक सबूत को अदालती फैसले में इस्तेमाल किया जाता है। फोरेंसिक सबूत अक्सर लोगों को दोषी या निर्दोष साबित करने में मदद करते हैं।
जननांग जांच यानी Genital Examination
डॉक्टर द्वारा जननांग (प्राइवेट अंग) की देखकर करने वाली जांच को जननांग जांच कहते हैं। इसमें योनि (वेजाइना) की दीवार और गर्भाशय ग्रीवा पर डीएनए की जांच के लिए एक स्पेकुलम का इस्तेमाल किया जाता है। डॉक्टर एक और जांच भी करता है। जिसमें डॉक्टर आंतरिक प्रजनन अंगों की जांच करने के लिए अपने हाथों का इस्तेमाल करता है।
एफआईआर
एफआईआर को प्रथम सूचना रिपोर्ट कहते हैं। यह किसी अपराध के होने पर पीड़ित या उसकी तरफ से दूसरा व्यक्ति द्वारा पुलिस में दर्ज कराई गई एक शिकायत है। यह एक लिखित दस्तावेज है, जिसे पुलिस किसी अपराध के होने की सूचना मिलने पर तैयार करती है।
सहमति यानी Consent
कानूनी किताब के हिसाब से सहमति तब होती है, जब एक व्यक्ति बिना दबाव के अपनी इच्छा से दूसरे व्यक्ति की बात या इच्छा से सहमत हो या किसी काम की अनुमति दे।
डीएनए टेस्ट
डीएनए सभी मनुष्यों और दूसरे जीवों में वंशानुगत सामग्री को कहते हैं। इंसान के शरीर की लगभग हर कोशिका का डीएनए एक जैसा होता है, इसलिए डीएनए का इस्तेमाल करके दोषी की पहचान की जाती है और अपराध में उनकी भागीदारी को समझा जा सकता है।
दोस्तों, इस वीडियो की जानकारी हमारे सहयोगी संगठन न्याया द्वारा उपलब्ध कराई गई है। आप इस तरह की जानकारी और भारतीय कानून को समझने के लिए न्याया की वेबसाइट पर जा सकते हैं।
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