सबसे पहले न्यायालय की अवमानना यानी Contempt of Court शब्द को समझते हैं……
न्यायालय की अवमानना/ Contempt of Court
कोई भी ऐसी कार्रवाई या लेखन, जो किसी न्यायालय या न्यायाधीश के अधिकार को कम करने या न्याय की प्रक्रिया या न्यायालय की कानूनी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के लिए की गई हो, उसे न्यायालय की अवमानना कहते हैं।
न्यायालय की अवमानना दो प्रकार की होती हैः
- दीवानी अवमानना (Civil Contempt)
- आपराधिक अवमानना (Criminal Contempt)
दीवानी अवमानना (Civil Contempt)
दीवानी (सिविल) अवमानना से मतलब हैः न्यायालय के किसी भी फैसले, डिक्री, निर्देश, आदेश या रिट की जानबूझकर अवज्ञा या उल्लंघन करना है। जैसे- न्यायालय में चल रहे मामले में, किसी व्यक्ति ने अपने वित्तीय रिकॉर्ड को न्यायालय में देने के न्यायालय के आदेश की अवहेलना की हो, तो यह अवमानना दीवानी अवमानना होगी।
आपराधिक अवमानना / Criminal Contempt
आपराधिक अवमानना किसी निर्णय,आदेश, निर्देश, डिक्री, रिट, या वैधानिक वचन/हलफनामे पर नहीं लगती है, बल्कि ये अवमानना किसी भी न्यायालय की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाना या कम करने पर लग सकती है। जैसे- अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी न्यायाधीश को बदनाम करता है और ऊंची आवाज में बात करता है।
न्यायालय की अवमानना को समझने के बाद बात करते हैं, अदालत में सबसे ज्यादा सुनाई देने वाले शब्द Adjournment यानी स्थगन की।
Adjournment / स्थगन
जब कोई न्यायालय किसी मामले की सुनवाई किसी दूसरी तारीख पर करने का फैसला करती है और उसे स्थगित कर देती है, तो उसे Adjournment कहते हैं। वकीलों के पास न्यायालय से Adjournment मांगने का विकल्प होता है और Adjournment केवल न्यायालय ही दे सकती है।
अब समझते हैं, Prosecution यानी अभियोजन शब्द को……
Prosecution / अभियोजन
प्रासक्यूशन शब्द का मतलब एक ऐसी प्रक्रिया से है, जिसमें किसी अभियुक्त के विरुद्ध मुकदमा चलता है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह अपराध का दोषी है या नहीं। यहां अभियुक्त का मतलब ऐसे व्यक्ति से है, जिस पर किसी अपराध का आरोप लगा हो, मतलब उस पर अभी आरोप साबित नहीं हुए हैं।
न्यायालय में निजी कार्यवाही यानी Private Proceeding को भी समझ लेते हैं, जो गम्भीर मामलों में की जाती है।
निजी कार्यवाही / Private Proceeding
आम तौर पर न्यायालय की कार्यवाही सार्वजनिक होती है। कोई भी आम नागरिक किसी भी न्यायालय में अदालती कार्यवाही में बैठ सकता है। निजी कार्यवाही में,आम लोगों और प्रेस दोनों को प्रक्रिया का निरीक्षण करने की अनुमति नहीं होती है। न्यायालय की निजी कार्यवाही रेप जैसे केसेस में आम तौर में होती है।
अब समझते हैं, जनहित याचिका यानी Public interest litigation को…..
जनहित याचिका / Public interest litigation
जनहित याचिका को किसी भी क़ानून या अधिनियम में परिभाषित नहीं किया गया है। लेकिन आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि जनहित याचिका को सार्वजनिक हित के लिए दायर किया जाता है। जनहित याचिका के ज़रिए प्रदूषण, आतंकवाद, सड़क सुरक्षा, निर्माण के खतरों वगैरह जैसे मुद्दों को संबोधित किया जाता है। जनहित याचिका को सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय दोनों में ही दायर किया जा सकता है।
अब समझते हैं हलफनामा यानी affidavit को , इस शब्द से हम कभी ना कभी दो -चार जरूर ही हुए होंगे।
हलफनामा / affidavit
हलफनामा एक ऐसा दस्तावेज है, जिसमें याचिकाकर्ता या आवेदक द्वारा शपथ के तहत दिया गया बयान शामिल या दर्ज होता है।
तो दोस्तों ! ये थे, आज के कानूनी शब्दकोश के शब्द और उनके मतलब
दोस्तों, इस वीडियो की जानकारी हमारे सहयोगी संगठन न्याया द्वारा दी गई है। आप इस तरह की जानकारी और भारतीय कानून को आसान भाषा में समझने के लिए न्याया की वेबसाइट पर जा सकते हैं।
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