खबर लहरिया Blog Mini-Moon: पृथ्वी पर होंगे ‘दो चाँद’ – वैज्ञानिकों ने कहा, जानें कौन देख पायेगा, कब और कैसे?

Mini-Moon: पृथ्वी पर होंगे ‘दो चाँद’ – वैज्ञानिकों ने कहा, जानें कौन देख पायेगा, कब और कैसे?

2024 पीटी5 एस्टेरॉयड की उत्पत्ति अर्जुन क्षुद्रग्रह बेल्ट से हुई है, जो पृथ्वी की तरह ही सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाता है।

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                                                                           ‘मिनी-मून’ साधारण चाँद की तुलना में छोटा होगा ( फोटो साभार – getty)

आसमान में एक नहीं बल्कि दो चाँद होंगे। वैज्ञानिकों के अनुसार, पतझड़ के मौसम के अंत तक पृथ्वी पर दो चांद दिखाई देंगे। वो चांद जो मेहमान की तरह आएगा और जाते-जाते लोगों की यादों में बस जाएगा।

दूसरे चाँद को “मिनी मून”/ “mini-moon” कहा जा रहा है। यह मिनी-मून एक एस्टेरॉयड है, जिसका नाम 2024 पीटी5 (Asteroid 2024 PT5) है। यह लगभग 33 फीट (10 मीटर) चौड़ा क्षुद्रग्रह है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह छोटा चांद यानी मिनी मून रविवार, 29 सितंबर को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में आ गया। अंतरिक्ष में फिर से अपना सफर शुरू करने से पहले यह 29 सितंबर से 25 नवंबर तक एक अस्थायी “मिनी-मून” की तरह हमारे बीच में रहेगा।

बता दें, एस्टेरॉयड/क्षुद्रग्रह यानी वे छोटे ग्रह जो सूर्य के चक्कर लगाते हैं। इन्हें छोटा पिंड भी कहा जाता है।

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“मिनी-मून” के बारे में जानें

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                                                     रविवार (सितंबर 29) को 1954 यूटीसी पर पृथ्वी, सूर्य और बुध की स्थिति (फोटो साभार: नासा/जेपीएल)

स्पेस.कॉम की रिपोर्ट के अनुसार , मिनी मून को सबसे पहले 7 अगस्त को नासा (NASA) के क्षुद्रग्रह टेरेस्ट्रियल-इम्पैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम ( Asteroid Terrestrial-Impact Last Alert System) द्वारा खोजा गया था।

2024 पीटी5 एस्टेरॉयड की उत्पत्ति अर्जुन क्षुद्रग्रह बेल्ट से हुई है, जो पृथ्वी की तरह ही सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाता है।

बीबीसी की रिपोर्ट में, ऑसम एस्ट्रोनॉमी पॉडकास्ट (Awesome Astronomy podcast) के होस्ट/ मेज़बान डॉ. जेनिफर मिलार्ड (Dr Jennifer Millard) ने बताया कि, “यह पृथ्वी के चारों और एक पूरा चक्कर नहीं पूरा करेगा। अपने रास्ते पर आगे बढ़ने से पहले हमारे ग्रह द्वारा इसके पथ में थोड़ा बदलाव किया जाएगा।”

क्षुद्रग्रह लगभग 32 फीट (10 मीटर) लंबा है, जो पृथ्वी के चंद्रमा की तुलना में छोटा है, जिसका व्यास लगभग 3,474 किमी है।

चूंकि मिनी-मून का आकार छोटा है और वह कम चमकीले चट्टान से बना है तो यह पृथ्वी पर लोगों को सूक्ष्म आंखो से दिखाई नहीं देगा। चाहें लोग दूरबीन या घरेलु दूरबीन का ही इस्तेमाल क्यों न करें, उनके लिए भी मिनी-मून को देख पाना मुश्किल होगा।

कई बार आ चुका है मिनी-मून

डॉ. मिलार्ड ने बताया कि, “कई पेशेवर दूरबीनें मिनी मून की तस्वीरें खींचेंगी। इन तस्वीरों को आप ऑनलाइन देख पायेंगे।”

आगे बताया कि मिनी-मून पहले भी देखे गए हैं। ऐसा माना जाता है कि कई बार तो इन पर किसी का ध्यान भी नहीं गया होगा।

कई मिनी-मून तो बार-बार आते हैं। बताया गया, 1981 का मिनी-मून साल 2022 में फिर से 2022 NX1 क्षुद्रग्रह के नाम से मिनी-मून बन गया।

अगर हम इस बार मिनी-मून को नहीं देख पाए तो फिर भी चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है।
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 2024 पीटी5 (2024 PT5) भी 2055 में पृथ्वी के ऑर्बिट में फिर से लौट आएगा।

डॉ. मिलार्ड ने कहा कि, “यह कहानी इस बात पर प्रकाश डालती है कि हमारा सौर मंडल कितना व्यस्त है और वहां कितना कुछ है जिसे हमने खोजा नहीं है, और क्योंकि यह क्षुद्रग्रह इसी साल खोजा गया था। वहां सैकड़ों नहीं तो हजारों-लाखों ऐसी वस्तुएं हैं जिन्हें हमने नहीं खोजा है और इसलिए मुझे लगता है कि यह हमारे लिए रात के आकाश की लगातार निगरानी करने और इन सभी वस्तुओं को ढूंढने में सक्षम होने के महत्व पर प्रकाश डालता है।”

डॉ. मिलार्ड की यह बातें और ब्रह्मांड के समय-समय पर आश्चर्य कर देने वाली चीज़ों का होना, यही बताती हैं कि हमारे आस-पास कहीं न कहीं बहुत-सी चीज़ें होती रहती हैं या मौजूद हैं लेकिन हम उन पर कभी उतना गौर नहीं करते।

 

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