हैलो everyone!! सब कैसा चल रहा है? गर्मियां हैं तो आप कहीं घूमने का प्लान तो ज़रूर से बना रहें होंगे। क्यों न इस बार आप इतिहास के सफर पर निकले मेरे साथ।
आज के मेरे “भोजपुरी पंच तड़का शो” में मैं आपको बिहार के ‘रोहतासगढ़ किले’ की कुछ रहस्यमयी चीज़ों और किले की खासियत के बारे में बात करूंगी। जो लोग इतिहास में रूचि रखते हैं उनके लिए मेरा शो बहुत मनोरंजक होगा, वहीं अन्य लोग इस किले की खूबसूरती का मज़ा उठा सकते हैं।
इतिहास किस्सों और कहानियों से भरा होता है। कई बातें सच होती हैं तो कई बनावटी लेकिन यही चीज़ें ही तो उसे लोगों में मशहूर करती है। आज हम आपको बिहार जिले के ऐतिहासिक किले के सफ़र पर लेकर जा रहे हैं। बिहार नाम सुनकर आमतौर पर कोई यहां के ऐतिहासिक किले के बारे में नहीं सोचता इसलिए आज हम आपको बिहार के रोहतासगढ़ किले के बारे में गहराई से बताने जा रहे हैं।
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रोहतास जिले में है रोहतास गढ़ का किला
रोहतास गढ़ का किला बिहार के रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कहा जाता है कि सोन नदी के बहाव वाली दिशा में पहाड़ी पर स्थित इस प्राचीन और मज़बूत किले का निर्माण त्रेता युग में अयोध्या के सूर्यवंशी राजा त्रिशंकु के पोता व राजा सत्य हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व ने कराया था।
अब यह तो हो गया किले का इतिहास। चलिए अब जानते हैं किले से जुड़ी ख़ास बातें।
5. 10 हज़ार सैनिक करते थे किले की पहरेदारी
रोहतास किले का इतिहास बहुत ही लंबा और रोचक है। हालाँकि इस किले से जुड़ी हुई कई बातें अस्पष्ट भी हैं। इस किले का संबंध 7 वीं शताब्दी के राजा हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व से किया जाता है। मध्य काल के भारत में यह किला पृथ्वीराज चौहान ने जीत लिया था। इस किले को ज़्यादा महत्व तब मिला जब इस किले को शेर शाह सूरी ने साल 1539 में एक हिन्दू राजा से जीत लिया था। जब शेर शाह सूरी का शासन था तब इस किले की पहरेदारी करने के लिए 10,000 सैनिक तैनात किए गए थे।
4. किले की दीवारों से टपकता था खून
दो हज़ार फीट की उंचाई पर स्थित है यह किला फ्रांसीसी इतिहासकार बुकानन ने लगभग दो सौ साल पहले रोहतास की यात्रा की थी। उस समय उन्होंने पत्थर से निकलने वाले खून की चर्चा एक दस्तावेज़ में की थी। उन्होंने कहा था कि इस किले की दीवारों से खून निकलता है।
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3. रात को किले से आती हैं आवाज़े
लोग ये भी कहते हैं कि बहुत पहले रात में इस किले से आवाज़ भी आती थी। इस आवाज़ को सुनकर हर कोई डर जाता था। हालांकि, किले से आने वाली आवाज़, यह अंधविश्वास है या सच- ये रहस्य तो इतिहास में ही छुपा हुआ है।
2. किले के अंदर बसे हैं कई महल
किले का घेराव 28 मील तक फैला हुआ है। इसमें कुल 83 दरवाज़ें हैं। जिनमें मुख्य घोड़ाघाट, राजघाट, कठौतिया घाट व मेढ़ा घाट है। प्रवेश द्वार पर बने हाथी की मूर्ती, दरवाजों के बुर्ज, दीवारों पर पेंटिंग देखने में बहुत अद्भुत प्रतीत होती है। रंगमहल, शीश महल, पंचमहल, खूंटा महल, आइना महल, रानी का झरोखा, मानसिंह की कचहरी आज भी यहां मौजूद हैं।
1. किले में दिखती है गुफ़ा जैसी इमारत
हैंगिंग हाउस – पश्चिम की दिशा में ही गुफा जैसी बनी हुई इमारत दिखती है। लेकिन इस गुफ़ा के कोई सबूत नहीं मिल पाए हैं। यहाँ के लोग इस इमारत जैसी गुफा को हैंगिंग हाउस कहते है। यहाँ से 1500 फीट नीचे की दूरी पर एक बहुत बड़ा झरना भी है।
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