“उसे ज़बरदस्ती वॉशरूम में ले जाकर टॉयलेट की सीट चाटने के लिए मज़बूर किया गया। उसके सिर को टॉयलेट फ्लश होने के दौरान डाला गया। उसके साथ इतनी हिंसा करने के बाद वे उसे ‘पूपीहेड’ कहते। उसे उसके गाढ़े रंग की वजह से प्रताड़ित किया गया।”
रैग्गिंग, मानसिक व शारीरिक हिंसा, गहरे रंग की वजह से अपने साथी छात्रों से मिली प्रताड़ना ने केरल के 15 साल के बच्चे मिहिर की हत्या कर दी। उसे उसके घर की इमारत से नीचे ढकेल उसकी जान ले ली। मिहिर, ग्लोबल पब्लिक स्कूल, एर्नाकुलम में नौवीं कक्षा में पढ़ने वाला छात्र था – परिवार ने बताया।
रैग्गिंग का मतलब है, नए या जूनियर छात्रों को परेशान करना या मानसिक व शारीरिक रूप से अपमानित करना, ख़ासकर स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय में। यह अमूमन एक समूह द्वारा किया जाता है। हमारे देश में भी रैग्गिंग अपराध है लेकिन इसके बावजूद यह अपराध हर शिक्षा परिसर में आये दिन देखने को मिलते हैं।
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टॉयलेट की सीट चाटने को किया मज़बूर
आईडी फ्रेश फ़ूड इंडिया लिमिटेड के ग्लोबल सीईओ मुस्तफा पी ने एक लिंक्डइन पोस्ट में बताया कि मृतक उनका भतीजा था और परिवार ने मामले में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ़ सबूत भी इकठ्ठा किये हैं।
नाबालिग की मौत के बाद उसके दोस्तों ने ‘जस्टिस फॉर मिहिर’ करके एक ग्रुप बनाया गया, जिसके ज़रिये परिवार को उसके साथ हो रही रैग्गिंग व हिंसा के बारे में पता चला।
मुस्तफ़ा ने अपनी पोस्ट में लिखा कि उनके भतीजे की मौत के बाद उन्हें उसके दोस्तों से कुछ चौंकाने वाले सबूत मिले। जिसमें स्कूल और स्कूल बस के छात्रों के समूह द्वारा रैग्गिंग, शारीरिक हिंसा से जुड़ी बातें थीं।
कहा, “उसे ज़बरदस्ती वॉशरूम में ले जाकर टॉयलेट की सीट चाटने के लिए मज़बूर किया गया। उसके सिर को टॉयलेट फ्लश होने के दौरान डाला गया। उसके साथ इतनी हिंसा करने के बाद वे उसे ‘पूपीहेड’ कहते। उसे उसके गाढ़े रंग की वजह से प्रताड़ित किया गया।”
‘छात्र मौत का जश्न मना रहे थे’
इसके अलावा नाबालिग की मां ने भी शिकायत के दौरान कुछ जानकारी साझा की। उन्होंने कहा, कुछ छात्र उनके बेटे की मौत के बाद भी उसका मज़ाक बनाते रहे। “हमें एक सोशल मीडिया चैट मिली है जिसमें एक व्यक्ति ने संदेश भेजा ‘f**k nigga, वह सच में मर गया’। वे उसकी मौत का जश्न मना रहे थे।”
वहीं परिवार ने जीईएमएस मॉडर्न एकेडमी के वाइस-प्रिंसिपल पर भी उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है, जहां नाबालिग ने पिछले साल अक्टूबर तक पढ़ाई की थी।
‘अस्वाभाविक मृत्यु’ की लगी धारा
हिल पैलेस पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर एएल यसुदास ने द न्यूज़ मिनट को बताया कि 15 जनवरी को मौत के बाद प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज की गई थी। मामले में भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 194 (अस्वाभाविक मृत्यु) लगाई गई है। आगे कहा कि, “अगर जांच के दौरान आत्महत्या के लिए उकसाने जैसी कोई अन्य अपराध का सबूत मिलता है, तो संबंधित धाराएं भी जोड़ी जाएंगी।”
एसएचओ ने कहा कि पुलिस जांच के तहत दोनों स्कूलों से संपर्क कर चुकी है। “दोनों स्कूल जांच में सहयोग कर रहे हैं। लेकिन चूंकि यह मामला स्कूल के बच्चों से जुड़ा हुआ है, हम उसी तरीके से सवाल नहीं कर सकते जैसे हम वयस्कों से जुड़े अपराधों में करते हैं। कुछ सीमाएं हैं। स्कूल के समय जैसी चीज़ों को भी ध्यान में रखना होता है।”
मामले में बहुत से पहलु हैं जिसका खुलना अभी बाकी है। हालांकि, मामले में अभी कुछ भी सामने नहीं आया है जो आरोपियों तक पहुंचने में पुलिस की मदद करे।
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