जिला बांदा, ब्लाक जसपुरा, ग्राम पंचायत नांदादेव का मज़रा शंकर पुरवा। केन नदी की बाढ़ के चपेट में आये इस पुरवा के लगभग तीन सौ परिवार एक टीले में विस्थापित कर दिया गया है। लगभग एज हफ्ते से उसी जगह पर पन्नी से झोपड़ी बनाकर रह रहा है। यह टीला भी बाढ़ के पानी से चारो तरफ से घिरा है। हमने अपनी रिपोरिंग में पाया कि कवरेज किये जाने तक स्वास्थ्य विभाग की कोई टीम नहीं पहुंची थी। एक छोटा बच्चा, दो से तीन महिलाएं बीमार थीं। दो महिलाएं गर्भवती हैं। एक महिला को 19 सितंबर को अचानक पेट में दर्द हो गया। कवरेज करने गई मीडिया ने नाव से पार करते हुए जसपुरा सरकारी अस्पताल तक पहुंचाने में मदद की। उसके परिवार की महिलाओं ने बताया कि सरकारी अस्पताल जसपुरा से हमीरपुर और फिर कानपुर रेफर कर दिया गया। उसके 7 महीने का गर्भ हैं। सामान उठाने रखने में कुछ दिक्कत हुई होगी। तो इसी तरह से दूसरी गर्भवती महिला जिसकी डिलेवरी का समय चल रहा है। कभी भी प्रसव पीड़ा शुरू हो सकती है। महिलाएं इसकी चिंता में रात रात भर सोती नहीं हैं। कई किशोरियों ने बताया कि माहवारी में गंदे फटे पुरानी कपड़े यूज कर रही हैं। साइड इफ़ेक्ट के बारे में उनको नहीं पता है।