खबर लहरिया Blog ‘कॉलेज में केजरीवाल पर लगा था बलात्कार का आरोप’, वायरल न्यूज़ क्लिप में दावा | Fact Check

‘कॉलेज में केजरीवाल पर लगा था बलात्कार का आरोप’, वायरल न्यूज़ क्लिप में दावा | Fact Check

Fact Check by Hindi Boomlive

बूम ने पाया कि वायरल न्यूजपेपर कटिंग फर्जी है, इसे एक ऑनलाइन पेपर क्लिप जनरेटर की मदद से बनाया गया है.

CLAIM

सोशल मीडिया पर एक न्यूजपेपर की कटिंग (आर्काइव लिंक) शेयर की जा रही है. इसमें दावा है कि यह टेलीग्राफ में छपी एक खबर है जिसके मुताबिक, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आईआईटी खड़गपुर में पढ़ाई के दौरान बलात्कार का आरोप लगा था.

Fact

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल न्यूजपेपर कटिंग फेक है. इसे एक ऑनलाइन पेपर क्लिप जनरेटर की मदद से बनाया गया है. वायरल पेपर कटिंग पर 8 जून 1987 की तारीख और खड़गपुर मेंशन है. ‘द टेलीग्राफ’ के मास्टहेड के साथ छपी इस रिपोर्ट में लिखा है कि एक स्थानीय लड़की ने एक 19 वर्षीय लड़के पर बलात्कार का आरोप लगाया था. आरोपी की पहचान अरविंद केजरीवाल के रूप में हुई है. इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि शिकायत दर्ज कराने के बाद केजरीवाल को स्थानीय पुलिस ने हिरासत में ले लिया. ( मोटे तौर पर अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद) आगामी 19 अप्रैल से देश में लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं, जिससे जोड़ते हुए इस तरह की तमाम खबरें वायरल हो रही हैं. वायरल कटिंग की स्टाइल शीट में कई तरह की विसंगतियां थीं, जिससे स्पष्ट था कि यह खबर विश्वसनीय नहीं है. इसकी सच्चाई जानने के लिए हमने इससे संबंधित कुछ कीवर्ड्स को गूगल सर्च किया. हमें ऐसी कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें केजरीवाल पर लगे बलात्कार के आरोप का जिक्र हो. असल में यह पेपर कटिंग इससे पहले भी कई बार वायरल हुई थी. बूम ने 2020 में भी इसका फैक्ट चेक किया था. उस समय बूम ने ऑनलाइन पेपर क्लिप जनरेटर की मदद से इस तरह का नमूना बनाकर इस खबर को खारिज किया था. पूरी फैक्ट चेक नीचे पढ़ें-

एक अख़बार क्लिपिंग में यह दावा किया जा रहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पढ़ाई के दौरान खड़गपुर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), में बलात्कार का आरोप लगा था। यह दावा ग़लत है। इस क्लिपिंग को एक वेबसाइट की मदद से बनाया गया है। क्लिपिंग एक अख़बार के लेख से एक कट आउट दिखाती है जो द टेलीग्राफ जैसा प्रतीत होता है। रिपोर्ट में दिए गए लेख में हैडलाइन दिया गया है ‘आईआईटी के छात्र पर बलात्कार का आरोप।’ लेख, में सोमवार, 8 जून, 1987 की डेटलाइन है और कहा गया है कि ‘एक स्थानीय लड़की ने एक उन्नीस वर्षीय लड़के पर बलात्कार का आरोप लगाया था।’

यह आरोपी की पहचान अरविंद केजरीवाल के रूप में करता है और यह भी बताता है कि लड़की द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद केजरीवाल को स्थानीय पुलिस ने हिरासत में लिया था। न्यूज़ रिपोर्ट की डेटलाइन खड़गपुर है। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल ने आईआईटी खड़गपुर से 1980 के दशक में बीटेक की डिग्री हासिल की थी। लेख के एक अंश में लिखा है, “प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) का परिसर अपने एक छात्र द्वारा स्थानीय लड़की के साथ बलात्कार का आरोप लगाए जाने की खबर से स्तब्ध था। छात्र को पुलिस ने हिरासत में लिया है और पूछताछ के लिए ले गई है। परिसर का दौरा किया और उसे अपने छात्रावास के कमरे में छिपा हुआ पाया। पुलिस ने कहा कि छात्र, 19 साल के अरविंद केजरीवाल नाम का लड़का पार्टी के लिए शुक्रवार की रात दोस्तों के साथ बाहर गया था, लेकिन हॉस्टल नहीं लौटा। ”

8 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्धेनजर यह फर्जी अखबार क्लिप फैलाई जा रही है। फ़ेसबुक पर प्रासंगिक कीवर्ड सर्च करने पर, हमने पाया कि यह क्लिप 2016 में भी वायरल हुई थी। 2018 में क्विंट ने इसी क्लिप को खारिज किया था।

बूम को अपने व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर पर भी यह क्लिक प्राप्त हुआ है, जिसमें इसकी पीछे की सच्चाई के बारे में जानकारी मांगी गई है।

फ़ैक्टचेक

बूम यह पता लगाने में सक्षम था कि अख़बार विश्वसनीय नहीं था क्योंकि लेख की स्टाइल शीट में विसंगतियां थीं। प्रासंगिक कीवर्ड खोज करने पर, हम एक ऑनलाइन न्यूजपेपर क्लिप जेनरेटर तक पहुंचे जिसका इस्तेमाल इस लेख को उत्पन्न करने के लिए किया गया था। मनचाहे मास्ट हेड, हेडलाइन और दिनांक के साथ अख़बार क्लिप इस वेबसाइट के माध्यम से बनाया जा सकता है। यह भी पढ़ें: सीएए विरोध में बाधा डालने के लिए हिंदू महिलाएं बुर्क़े में सामने आईं? फ़ैक्ट चेक बूम ने वेबसाइट पर एक समाचार क्लिप बनाने की कोशिश की, और देखा कि सभी क्लिपों के लिए तीसरे कॉलम में टेक्स्ट समान है। नीचे केजरीवाल पर समाचार रिपोर्ट और बूम द्वारा बनाई गई क्लिप की तुलना दी गई है, जिससे पता चलता है कि तीसरे कॉलम का टेक्स्ट समान है।

हमने केजरीवाल के हलफनामे को भी देखा, जो भारत के चुनाव आयोग को प्रस्तुत किया गया था। दस्तावेज़ के अनुसार, केजरीवाल ने कहा है कि उन्हें किसी भी अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराया गया है। बूम ने दिल्ली पुलिस से भी संपर्क किया, जिसने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। दरअसल, इसी न्यूजपेपर क्लिपिंग जनरेटर वेबसाइट का इस्तेमाल कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी के बारे में एक फर्जी समाचार रिपोर्ट बनाने के लिए किया गया था। फर्जी क्लिपिंग में दावा किया गया था कि राहुल गांधी के पास प्रतिबंधित दवाएं और बेहिसाब नकदी है।

Claim :  न्यूज़ क्लिप बताती है, कॉलेज में केजरीवाल पर लगा था बलात्कार का आरोप

Claimed By :   Facebook and Twitter users

Fact Check :   False

 

(यह लेख मूल रूप से सबसे पहले  Hindi Boomlive द्वारा प्रकाशित किया गया था व इसे शक्ति कलेक्टिव के भाग के रूप में खबर लहरिया द्वारा दोबारा प्रकाशित किया गया है।) 

 

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