कावड़ियों को अब कावड़ यात्रा के दौरान लाठी, हॉकी स्टिक, बेसबॉल बैट या फिर त्रिशूल जैसी कोई भी प्रतीकात्मक वस्तु ले जाने की अनुमति नहीं है। इसका उलंघन करने पर एफआईर दर्ज की जा सकती है। इसकी जानकारी एडीजी (मेरठ जोन) भानु भास्कर ने दी। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने इस पर रोक लगाने के सख्त निर्देश दिए हैं।
यह प्रतिबंध यात्रा मार्ग के प्रमुख जिलों, जैसे मेरठ, मुज़फ़्फ़रनगर, शामली, सहारनपुर, बुलंदशहर, हापुड़ और बागपत, में लागू है। यह फैसला हाल ही में बढ़ रही कथित कावड़ियों द्वारा हिंसा की घटनाओं के बाद लिया गया है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की 20 जुलाई 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने ध्वनि प्रदूषण (कावड़ यात्रा में डीजे से फैलने वाला शोर) और सार्वजनिक उपद्रव को रोकने के लिए बिना साइलेंसर वाली मोटरसाइकिलों के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
बदनाम करने और शन्ति भंग करने का प्रयास
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कावड़ियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि “हमें ध्यान रखना होगा कि जहां उत्साह और उमंग है, श्र्द्धा और भक्ति है इसको बदनाम और भंग करने के लिए कुछ तत्व लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसलिए कावड़ यात्रियों का भी दायित्व है कि वो ऐसे उपद्रवियों को पहचाने और पुलिस को सूचना दें।”
मेरी सभी श्रद्धावान शिव भक्तों से अपील है… pic.twitter.com/Wg6bsEb4tK
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 20, 2025
मिर्ज़ापुर में सीआरपीएफ़ जवान के साथ मारपीट
कावड़ियों द्वारा कावड़ यात्रा के दौरान कई ऐसी घटनाएं सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें कावड़ियों को मारपीट और तोड़फोड़ करते देखा गया। शनिवार 19 जुलाई 2025 को मिर्ज़ापुर रेलवे स्टेशन पर एक सीआरपीएफ़ जवान पर कावड़ियों द्वारा कथित तौर पर ज़मीन पर गिराकर पीटने का वीडियो सामने आया। बाद में खबर आई कि हमले के आरोप में सात कांवड़ियों को गिरफ़्तार किया गया। हालाँकि कुछ ही घंटों बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि किस तरह से भारतीय जवान को पीटा जा रहा है और वहां मौजूद मूक बनी हुई भीड़ बस तमाशा देख रही है।
मिर्जापुर
➡कांवड़ियों ने रेलवे स्टेशन पर फौजी को पीटा
➡फर्श पर लेटा कर लात घूंसों से की पिटाई
➡टिकट लेने को लेकर फौजी की कहासुनी
➡पुलिस ने 7 कांवड़ियों को किया गिरफ्तार
➡पुलिस ने कांवड़ियों पर किया मुकदमा दर्ज
➡मिर्जापुर रेलवे स्टेशन का मामला #Mirzapur #KawadYatra… pic.twitter.com/XM8epVJMWQ— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) July 19, 2025
इसके अलावा कई ऐसी घटनाएं हैं जैसे कावड़ियों द्वारा स्कूल बस को तोड़ना, स्कूटी चला रही महिला के साथ मारपीट, इनोवा कार पर तोड़फोड़, बाइक को तोड़फोड़ और ढाबे में तोड़फोड़ की इत्यादि वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।
कावड़ियों की हिंसा से लोगों में खौफ
कांवड़ यात्रा आस्था और परंपरा का प्रतीक है लेकिन हाल के वर्षों में इसके नाम पर बढ़ती उग्रता और हिंसा चिंता का विषय बन गई है। भक्ति की जगह अब कई बार भय देखने को मिलता है। जहां कांवड़ियों के सामने आम नागरिक ही नहीं सुरक्षा बल तक असहाय महसूस करते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या आस्था के नाम पर कानून को ताक पर रखा जा सकता है? सरकार द्वारा फूल बरसाना एक सांकेतिक सम्मान हो सकता है लेकिन जब ये कथित शिव भक्त सड़कों पर कानून तोड़ते हैं, दूसरों की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं तब कठोर कार्रवाई भी उतनी ही ज़रूरी है। भक्ति का अर्थ संयम और शांति है यदि उसके नाम पर भय फैलाया जा रहा है तो यह न समाज के हित में है, न धर्म के।
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