खबर लहरिया Blog Kanwar: कावड़ यात्रा से आम जनता पर पड़ने वाला असर

Kanwar: कावड़ यात्रा से आम जनता पर पड़ने वाला असर

कावड़ियों की यात्रा शुरू हो चुकी है, इससे जुड़े कई फैसले और खबरें सामने आ रही हैं। यूपी में 16 से 23 जुलाई तक जनपद में सभी स्कूल बंद रहेंगे। इसकी जानकारी मेरठ के डीएम डॉ. वीके सिंह ने देते हुए बताया कि 23 जुलाई को शिवरात्रि है। इस वजह से स्कूल 24 जुलाई को खुलेंगे।

कावड़ियों की तस्वीर (फोटो साभार: पीटीआई)

आज 15 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के उस निर्देश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की, जिसमें कांवड़ मार्ग पर मौजूद सभी भोजनालयों पर क्यूआर कोड लगाना अनिवार्य किया गया है ताकि मालिकों के नाम और पहचान का पता चल सके। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब माँगा है और अगली सुनवाई 22 जुलाई को तय की गई है।

कावड़ियों की सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर

एक तरफ जहां कावड़ियों के लिए मार्ग सुलभ बनाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर कावड़ियों द्वारा कथित तौर पर सड़कों पर हिंसा करने के वीडियो सामने आ रहे हैं। यूपी, हरिद्वार और कई जगह जहां कावड़ियों की तस्वीर कहीं बाइक को नुकसान पहुंचाने की है तो, वहीं यूपी के मेरठ में स्कूल बस को के शीशे तोड़ते दिखाई दे रहे हैं और हरिद्वार में एक चश्मे की दुकान में तोड़फोड़ करते नज़र आए।

मेरठ में बस पर लाठियां और पत्थर से हमले का वीडियो

गाजियाबाद में कार पर हमला

सोशल मीडिया पर वायरल यह वीडियो कथित तौर पर गाजियाबाद के मोदीनगर का बताया जा रहा है जहां कावड़ियों ने ड्राइवर को बुरी तरह पीटा और कार को भी नुकसान पहुंचाया। आरोप है की गाड़ी ने एक कांवड़िए को टक्कर मार दी। इसके बाद कावड़ियों का गुस्सा आया और उन्होंने कार पर हमला कर दिया।

हरिद्वार में कांवड़ियों ने चश्मे की दुकान में की तोड़फोड़

हरिद्वार के शिव विश्रामगृह के बाहर कुछ कांवड़ियों ने कहासुनी के बाद चश्मे की दुकान में तोड़फोड़ की। इसके बाद दो लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया। आप वीडियो में देख सकते हैं।

इस तरह कई मामले हैं जिसमें कावड़िया लोगों का नुकसान करते नज़र आ रहे हैं। धर्म में आस्था रखने वालों का इस तरह का बर्ताव क्या सही है? कावड़ में हुए शामिल कावड़िया अपने कंधे पर अपने शरीर से अधिक बोझ उठाकर कई किलो मीटर की यात्रा पैदल ही तय करते हैं। इनमें से कई लोग अपने घर से लेकर हरिद्वार तक कावड़ का बोझ उठाये चलते हैं।

जहां सड़कों पर उत्पात मचा रहे कावड़ियों पर पुलिस कोई सख्त कदम उठाती नज़र नहीं आती, वहीं यदि एक शिक्षक बच्चों को अपना भविष्य बनाने के लिए कावड़ यात्रा का हिस्सा बनने के लिए जागरूक करें तो उस पर शिकायत दर्ज कर दी जाती है।

यूपी के बरेली के सरकारी स्कूल के शिक्षक का सोशल मीडिया पर वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें शिक्षक बच्चों को “कांवड़ लेकर मत जाना, तुम ज्ञान के दीप जलाना, मानवता की सेवा करके, सच्चे मानव बन जाना” गाना गाकर सुना रहे हैं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद उन पर शिकायत दर्ज की गई।

अपने ज्ञान और तर्क को एकतरफा कर के जिस पर कार्रवाई होनी चाहिए उस पर न कर के जो सही है उस पर कार्रवाई करना। क्या सही है? आप सोच के देखिये स्कूलों को बंद कर देना, नौकरी और पढ़ाई की उम्र में कावड़ उठाना तर्कसंगत है? हम आस्था के खिलाफ बिल्कुल नहीं है और न ही किसी की आस्था को चोट पहुँचाना चाहते हैं। बस आस्था और धर्म के नाम पर इस तरह की मारपीट और तोड़फोड़ करना अपराध ही है, लेकिन कावड़ की आड़ में लोग इस तरह के अपराध करते हैं और कार्रवाई होने से बच जाते हैं। सड़कों पर इस तरह कावड़ियों का बर्ताव देख लोगों के अंदर डर पैदा हो रहा है। आखिर हम आने वाली पीढ़ी को क्या सीखा रहे हैं?

आखिर इस तरह के नियम जिसमें सिर्फ कावड़ियों की सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है और जनता के साथ जो कावड़ियों द्वारा छोटी सी बहस या टक्कर पर आम लोगों के साथ मारपीट की जा रही है इसकी जिम्मेदारी किसकी है? क्या यूपी सरकार द्वारा बनाये गए नियम सिर्फ आम जनता पर लागू होते हैं कावड़ियों पर नहीं?

 

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