शिक्षक ने मुझे 2 का पहाड़ा सुनाने के लिए कहा। मैं ऐसा करने में विफल रहा और फिर उन्होंने मेरा हाथ ड्रिल कर दिया। मेरे बगल में खड़े एक साथी छात्र ने ड्रिल मशीन के प्लग को तुरंत बंद किया।
कानपुर के एक निजी स्कूल में शिक्षक द्वारा कथित तौर पर एक छात्र के हाथ पर ड्रिल मशीन चला दी जाती है क्योंकि वह दो का पहाड़ा नहीं सुना पाता। हालांकि, छात्र को ज़्यादा गंभीर चोट नहीं आई व छात्र को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गयी।
जानकारी के अनुसार, घटना की खबर स्थानीय शिक्षा अधिकारियों को भी नहीं दी गयी थी। जब परिवार वालों द्वारा घटना को लेकर हंगामा किया गया तब जाकर इसकी सूचना खंड शिक्षा अधिकारियों को दी गयी।
सूचना मिलने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मामले की जांच करने मौके पर पहुंचे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपी शिक्षक को स्कूल से निकाल दिया गया है व साथ ही अन्य दो लोगों पर लापरवाही बरतने को लेकर नोटिस भेजा गया है।
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दोषी पर होगी कार्यवाही – बेसिक शिक्षा अधिकारी
छात्र कानपुर जिले के सीसामऊ का रहने वाला है। वह प्रेमनगर के उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई करता है। पुलिस द्वारा ज़ारी एक बयान के अनुसार, घटना की जानकारी होते ही छात्र के परिजन स्कूल पहुंचे जिसके बाद स्कूल परिसर में हंगामा मच गया।
कानपुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी सुजीत कुमार सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “घटना कानपुर के प्रेमनगर की है। हमने क्षेत्र के संबंधित शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। इस पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। प्रेमनगर व शास्त्रीनगर के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मामले की जांच कर रिपोर्ट भेजेंगे। जो भी दोषी पाया जाएगा उसे दंडात्मक कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा।”
छात्र ने पुलिस को दी शिकायत में क्या कहा?
पुलिस को दी शिकायत में छात्र ने बताया, “शिक्षक ने मुझे 2 का पहाड़ा सुनाने के लिए कहा। मैं ऐसा करने में विफल रहा और फिर उन्होंने मेरा हाथ ड्रिल कर दिया। मेरे बगल में खड़े एक साथी छात्र ने ड्रिल मशीन के प्लग को तुरंत बंद किया।” रिपोर्ट में कहा गया है कि छात्र के बाएं हाथ में चोट आई है।
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बच्चों पर हिंसा है नियम का उल्लंघन
नियम के अनुसार, शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right to Education Act), 2009 की धारा 17 शारीरिक दंड पर पूरी तरह से रोक लगाती है। इसके तहत बच्चों पर किसी भी तरह की शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न पर रोक लगायी गयी है। वहीं दोषी पाने वाले व्यक्ति पर कार्यवाही करने का भी प्रावधान है।
वहीं किशोर न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act) की धारा 75 में बच्चों के प्रति क्रूरता के लिए सज़ा का भी प्रावधान है।
बच्चों पर शारीरिक हिंसा करने को लेकर कानून में सज़ा का प्रावधान होने के बावजूद भी आरोपी अध्यापक को बस स्कूल से बर्खास्त किया गया जबकि कानून के अनुसार ऐसे किसी भी व्यक्ति पर सख्त कार्यवाही होना ज़रूरी है।
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