बांदा: मंडल कारागार के सामने बना राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास को खाली कराने से परेशान छात्रों ने 15 अप्रैल को डीएम और सदर विधायक से न्याय की मांग की है। छात्रों का आरोप है कि जिला समाज कल्याण अधिकारी के इशारे पर पुलिस ने छात्रावास को 24 घण्टे के अंदर खाली करने की धमकी दी है। इस मामले को छात्रसंगठन ने आड़े हाथों लिया। जिससे छात्रों में न्याय की उम्मीद जगी है।
चौदह छात्रों ने मिलकर दिया ज्ञापन
छात्रावास में रह रहे 16 में से 14 छात्रों ने ज्ञापन में हस्ताक्षर कर डीएम और सदर विधायक को ज्ञापन दिया। जब हमने छोटेलाल और राजेंद्र कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि छात्रावास खाली कराने का कारण कोरोना है। वह मुख्यालय से बहुत दूर-दूर गांव से हैं। उनके घरों की स्थिति बहुत कमजोर है इसीलिए वह छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। इस समय कोरोना की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। किराये के रूम भी न मिलेंगे और न ही रूम का भाड़ा देने के लिए पैसे हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला समाज कल्याण अधिकारी गीता सिंह कहती हैं कि कोरोना की स्थिति लगातार खराब हो रही है इसलिए छात्रावास खाली कराया जा रहा है।
छात्रनेता का आरोप जिम्मेदार विभाग कर रहा राजनीति
छात्रनेता पंडित जेएन पीजी कॉलेज शैलेंद्र कुमार ने बताया कि कुल 48 छात्रों को रहने का लक्ष्य है। लेकिन 25 छात्रों के नाम रजिस्ट्रेशन है। जिसमें इस समय कुल 16 ही छात्र रह रहे हैं। इस समय जिला समाज कल्याण अधिकारी गीता सिंह द्वारा अचानक से छात्रावास खाली कराने की नोटिस भेज दिया गया है। यही नहीं पुलिस ने भी छात्रावास पहुंचकर चौबीस घण्टे के अंदर खाली करने की धमकी दी है। उनका आरोप यह भी है कि छात्रावास खाली कराने का कारण कोरोना की आड़ में आरक्षण की राजनीति करना लग रहा है।
इस खबर को खबर लहरिया के लिए मीरा देवी द्वारा लिखा गया है।