उन्नाव सामूहिक बलात्कार केस में आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने सजा सुनाई है. सेंगर पर आरोप है कि उसने साल 2017 एक नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया।
आपको बता दें कि उन्नाव की एक नाबालिक लड़की 11 जून 2017 को गाँव के अगवा कर ली गई थी जो 21 जून को पुलिस को मिली थी. पीड़िता ने 22 जून 2017 को मजिस्ट्रेट के सामने बयान में कुलदीप सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाया था. लेकिन उसकी बात पुलिस ने नहीं सुनी थी उल्टा उसके पिता को जेल में डाल दिया जहाँ उसकी संदिग्ध परिस्थति में मौत हो गई. फिर न्याय की गुहार लेकर पीड़िता ने सीएम योगी के घर के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की थी. पीड़िता ने विधायक कुलदीर सेंगर पर बलात्कार के साथ ही पीड़िता के पिता की जेल में हत्या कराने का आरोप भी लगाया था
इतने दिनों की हीलाहवाली के बाद मामला सीबीआई के पास पहुँचा। जिसमें कुलदीप पर लगाए आरोप सिद्ध हुए। सजा पर बहस के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से अधिकतम सजा की मांग की है। 16 दिसंबर 2019 को दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने सेंगर को धारा 376 और पॉक्सो के सेक्शन 6 के तहत दोषी ठहराया था। जबकि 17 दिसंबर को सजा पर बहस की गई थी। इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई से पहले कुलदीप सिंह सेंगर को अपनी आय और संपत्ति का पूरा ब्योरा देने का आदेश दिया था।कुलदीप सेंगर के दस्तावेजों के आधार पर उसकी कुल चल और अचल संपत्ति 44 लाख रुपये आंकी गई है।
दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने कुलदीप को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. जिसमें से 10 लाख पीड़िता को दिया जाएगा। ही अदालत ने यह निर्देश भी दिया कि उन्नाव की बिटिया को 10 लाख रुपये का अतिरिक्त मुआवजा दिया जाए जो उनकी मां को मिलेगा। इसके साथ ही पीड़ित परिवार अभी दिल्ली महिला आयोग द्वारा दिलाई गई किराए के मकान में रहे हैं. यूपी सरकार उस घर किराए के लिए हर महीने 15 हज़ार रूपये मुहैया कराएगी। साथ ही सीबीआई पीड़िता और उसके घरवालों की सुरक्षा के लिए व्यवस्था करेगी और हर तीन महीने में उनके जीवन पर खतरे का आंकलन करेगी.