छत्तीसगढ़ के कोसा रेशम बुनकर अब कपास बुनाई की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे उन्हें स्थानीय स्तर पर स्थायी रोजगार मिल रहा है। इस बदलाव से न केवल उनकी आजीविका सुरक्षित हुई है, बल्कि काम के लिए दूसरे राज्यों में पलायन भी कम हुआ है।
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