खबर लहरिया Blog पत्रकारों को सुप्रीम कोर्ट के मामलों को कवर करने के लिए नहीं चाहिए होगी LLB की डिग्री

पत्रकारों को सुप्रीम कोर्ट के मामलों को कवर करने के लिए नहीं चाहिए होगी LLB की डिग्री

बार व बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, सीजेआई ने गुरुवार, 24 अक्टूबर को कहा, “मैंने सुप्रीम कोर्ट के लिए मान्यता प्राप्त संवाददाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए एक फाइल पर हस्ताक्षर किया है। मुझे नहीं पता था कि किस कारण से ये शर्त थी कि आपके पास अनिवार्य रूप से LLB की डिग्री होनी चाहिए। हमने इसमें छूट दी है।”

Journalists no longer require an LLB Degree to cover Supreme Court cases

                                                                 भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ की तस्वीर (फोटो साभार – सोशल मीडिया)

सुप्रीम कोर्ट को कवर करने वाले पत्रकारों को अब LLB (वकालत) की डिग्री की ज़रूरत नहीं होगी। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ के अधीन सर्वोच्च न्यायालय प्रशासन ने यह फैसला सुनाया। फैसले के अनुसार, शीर्ष न्यायलय में कानूनी संवाददाता (legal correspondent) के रूप में मान्यता के लिए कानून की डिग्री की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है।

कानूनी संवाददाता वे पत्रकार होते हैं जो कानूनी मामलों, अदालतों, न्यायिक प्रक्रियाओं व अन्य संबंधित मुद्दों की रिपोर्टिंग करते हैं।

बार व बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, सीजेआई ने गुरुवार, 24 अक्टूबर को कहा, “मैंने सुप्रीम कोर्ट के लिए मान्यता प्राप्त संवाददाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए एक फाइल पर हस्ताक्षर किया है। मुझे नहीं पता था कि किस कारण से ये शर्त थी कि आपके पास अनिवार्य रूप से LLB की डिग्री होनी चाहिए। हमने इसमें छूट दी है।”

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रिपोर्ट के अनुसार, सीजेआई ने दिवाली से पहले सुप्रीम कोर्ट परिसर में आयोजित एक समारोह में पत्रकारों से बात करते हुए यह कहा था।

सीजेआई ने आगे बताया, मान्यता प्राप्त पत्रकारों के पास अपने वाहन पार्क करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की पार्किंग क्षेत्र तक पहुंच होगी।

साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने कानूनी संवाददाताओं की मान्यता के लिए अपने मानदंडों में संशोधन किया था।

संशोधित मानदंडों के अनुसार, भारत के मुख्य न्यायाधीश को यह अधिकार मिला है कि वे कुछ विशेष मामलों में अपने विवेक से कानून की डिग्री की शर्त को माफ कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि अगर कोई व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्टर बनना चाहते हैं तो उसे हमेशा कानून की डिग्री नहीं रखनी पड़ेगी। यह फैसला उन लोगों के लिए है जो इस क्षेत्र में काम करने के लिए योग्य हैं, लेकिन उनके पास डिग्री नहीं है।

अब इस शर्त को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है।

 

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